आज का करण देखें

दिल्ली,भारत : 11 सितंबर 2025 करण | आज का करण और उसका महत्व

करण तिथि का आधा भाग होता है और कुल 11 प्रकार के करण माने जाते हैं। शुभ मुहूर्त और कर्म के परिणाम समझने के लिए करण की जानकारी अत्यंत आवश्यक है।

हर शहर के पंचांग मान अलग-अलग हो सकते हैं।

करण
बव
प्रारंभ: 03:38 pm, 10-Sep-25
समाप्त : 02:11 am, 11-Sep-25
प्रारंभ: 02:11 am, 11-Sep-25

समाप्त: 11:21 pm, 11-Sep-25

प्रारंभ: 11:21 pm, 11-Sep-25

प्रारंभ: 09:58 am, 12-Sep-25

🌙 आज का करण देखें

अपनी लोकेशन और तिथि चुनें और आज के करण की सटीक जानकारी प्राप्त करें।

 

करण (Karana) प्रश्नोत्तर

प्र.1. करण क्या है?
उत्तर: करण तिथि का आधा भाग होता है। एक तिथि में दो करण होते हैं – पहला पूर्वाह्न (सुबह से दोपहर तक) और दूसरा अपराह्न (दोपहर से रात तक)। पंचांग में कुल 11 प्रकार के करण माने गए हैं।

प्र.2. कुल कितने करण होते हैं?
उत्तर: 11 करण होते हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि (भद्रा), शकुनि, चतुष्पद, नाग, किमस्तुग्न

प्र.3. करण का महत्व क्या है?
उत्तर: हर करण का अपना शुभ-अशुभ प्रभाव होता है। जैसे –बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज – शुभ माने जाते हैं।
विष्टि (भद्रा) – अशुभ मानी जाती है, इस समय कोई भी नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
शकुनि, चतुष्पद, नाग, किमस्तुग्न – विशेष/स्थिर करण हैं, इनका उपयोग विशिष्ट कार्यों में किया जाता है।

प्र.4. भद्रा करण (विष्टि) क्यों अशुभ माना जाता है?
उत्तर: भद्रा काल में शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि वर्जित माने गए हैं। इस समय किए गए कार्यों में बाधाएँ आती हैं।

प्र.5. कौन से करण में शुभ कार्य किए जा सकते हैं?
उत्तर: बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज करणों में शुभ कार्य करना उत्तम होता है। विवाह, गृह-प्रवेश, नामकरण, व्यवसाय प्रारंभ, यात्रा आदि कार्यों के लिए ये करण श्रेष्ठ माने जाते हैं।

प्र.6. स्थिर करण कौन-कौन से हैं?
उत्तर: 4 स्थिर करण हैं – शकुनि, चतुष्पद, नाग और किमस्तुग्न। ये विशेष तिथियों में आते हैं और खास धार्मिक/तांत्रिक कार्यों में उपयोगी होते हैं।

प्र.7. करण और मुहूर्त का आपस में क्या संबंध है?
उत्तर: मुहूर्त निकालते समय केवल तिथि ही नहीं, बल्कि करण भी देखा जाता है। यदि करण अशुभ हो (जैसे भद्रा), तो उस मुहूर्त में शुभ कार्य नहीं किए जाते।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

आगामी त्यौहार

 पंचमी श्राद्ध
11, सितंबर 2025
पंचमी श्राद्ध
 महा भरणी
11, सितंबर 2025
महा भरणी
 मासिक कार्तिगाई
12, सितंबर 2025
मासिक कार्तिगाई

© https://www.nakshatra.appAll Rights Reserved.