पंचांग/तिथि

दिल्ली,भारत : 04 अक्टूबर 2025

04, अक्टूबर 2025 को दिल्ली,भारत में सूर्योदय प्रातः 06:15 बजे और सूर्यास्त सायं 18:03 बजे होगा। दैनिक पंचांग के अनुसार, इस दिन शुक्ल पक्ष की द्वादशी 05: 09 pm बजे तक प्रभावी रहेगी, जिसके बाद शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ होगी। धनिष्ठा नक्षत्र 09:09 am बजे तक रहेगा, उसके बाद शतभिषा नक्षत्र प्रभावी रहेगा।

आज राहुकाल 09:12 am बजे से 10:40 am बजे तक रहेगा, और आज की राशि मकर होगी।

हर शहर के पंचांग मान अलग-अलग हो सकते हैं।

सूर्योदय और सूर्यास्त
दिन: शनिवार
सूर्योदय:06:15 प्रातः
सूर्यास्त:18:03 संध्या
राशि
समाप्त : 09: 21 pm, 03 Oct 25
प्रारंभ : 09: 21 pm, 03 Oct 25
समाप्त : 08: 01 am, 05 Oct 25
अशुभ मुहूर्त
राहु काल
प्रारंभ : 09:12 am
समाप्ति : 10:40 am
गुलिक काल
प्रारंभ : 06:15 am
समाप्ति : 07:43 am
यमगण्ड
प्रारंभ : 01:37 pm
समाप्ति : 03:06 pm
शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त
प्रारंभ : 11:45
समाप्ति : 12:32
तिथि
द्वादशी (शुक्ल पक्ष )
प्रारंभ : 06: 33 pm, 03 Oct 25
समाप्त : 05: 09 pm, 04 Oct 25
त्रयोदशी (शुक्ल पक्ष)
प्रारंभ : 05:09 pm 04, Oct 25

समाप्त : 03:04 pm 05, Oct 25

नक्षत्र
प्रारंभ: 09:34 am, 03-Oct-25
समाप्त : 09:09 am 04,Oct 25
प्रारंभ: 09:09 am 04, Oct 25

समाप्त: 08:01 am 05, Oct 25

करण
प्रारंभ: 06:33 pm, 03-Oct-25
समाप्त : 05:57 am, 04-Oct-25
प्रारंभ: 05:57 am, 04-Oct-25

समाप्त: 05:09 pm, 04-Oct-25

प्रारंभ: 05:09 pm, 04-Oct-25

प्रारंभ: 04:11 am, 05-Oct-25

योग
प्रारंभ: 09:44 pm, 03-Oct-25
समाप्त : 09:09 am 04,Oct 25
प्रारंभ: 07:25 pm, 04-Oct-25

समाप्त: 04:32 pm, 05-Oct-25

पंचांग तिथि

नीचे दिए गए विकल्पों का उपयोग करके आप अपनी इच्छित तिथि और शहर का चयन करें। इसके बाद, आपको उस दिन का विस्तृत पंचांग और तिथि की जानकारी प्राप्त होगी।

 

शुभ मुहूर्त और पंचांग: सही समय का महत्व

हिंदू संस्कृति में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है। किसी भी नए कार्य को शुभ समय में शुरू करने से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। सही समय चुनने के लिए पंचांग आवश्यक होता है, जो नक्षत्र, ग्रहों की चाल, और अनुकूल परिस्थितियों की जानकारी प्रदान करता है।

आज का पंचांग और उसका महत्व

आज का पंचांग एक विस्तृत ज्योतिषीय कैलेंडर है, जो दिन के शुभ-अशुभ योग, तिथि, चंद्रमा की स्थिति, और ग्रहों की चाल को दर्शाता है। एस्ट्रोयोगी द्वारा तैयार किया गया पंचांग इन सभी महत्वपूर्ण तत्वों को ध्यान में रखता है, जिससे सटीक भविष्यवाणी संभव होती है।

नक्षत्र और ग्रहों की स्थिति का प्रभाव

नक्षत्रों और ग्रहों की चाल को समझकर, शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम समय का चयन किया जाता है। ग्रहों की स्थिति किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और उसके जीवन में प्रभाव डालती है।

स्थान के अनुसार पंचांग का अंतर

पंचांग की गणना स्थान के अनुसार भिन्न हो सकती है। दिल्ली पंचांग और मुंबई पंचांग में भिन्नता हो सकती है, क्योंकि यह स्थानीय अक्षांश और देशांतर पर निर्भर करता है। इसलिए, सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए अपने स्थान के अनुसार पंचांग की जाँच करना आवश्यक है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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