गण्ड योग भारतीय ज्योतिष के पंचांग में एक विशेष योग है, जिसे सामान्यतया अशुभ माना जाता है। "गण्ड" का अर्थ होता है "बाधा" या "कठिनाई," और यह योग किसी कार्य में रुकावट या कठिनाई लाने वाला होता है। यह योग तब बनता है जब चंद्रमा एक विशेष नक्षत्र और तिथि पर होता है, जिससे इसके प्रभाव से जीवन में चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
गण्ड योग के प्रभाव
बाधाओं का सामना: इस योग में कार्यों में अनपेक्षित बाधाओं और अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य समस्याएँ: गण्ड योग के समय में स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, जैसे चोट, संक्रमण, या अन्य शारीरिक तकलीफें। मानसिक अशांति: गण्ड योग में मानसिक चिंता और अशांति बढ़ सकती है, जिससे व्यक्ति को निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। यात्रा में जोखिम: इस योग के दौरान यात्रा करना जोखिम भरा माना जाता है, और इस समय में दुर्घटना या अन्य समस्या का खतरा होता है।गण्ड योग में क्या न करें
महत्वपूर्ण निर्णयों को इस समय टालना चाहिए। नई परियोजनाओं या कार्यों की शुरुआत से बचना चाहिए। यात्रा या लंबी दूरी की यात्राओं से परहेज करना चाहिए।गण्ड योग के उपाय
इस योग के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:- भगवान गणेश की पूजा: गणेश जी विघ्नहर्ता माने जाते हैं, उनकी पूजा से बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें ताकि मानसिक शांति मिले और नकारात्मक प्रभाव कम हों।
- "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करें।