दिल्ली,भारत : 14 अक्टूबर 2025 योग | शुभ-अशुभ योग और उनके प्रभाव
योग 27 प्रकार के होते हैं जो चंद्रमा और सूर्य की गति से बनते हैं। प्रत्येक योग का अलग प्रभाव और महत्व है, जो शुभ-अशुभ कार्यों के लिए दिशा प्रदान करता है। हर शहर के पंचांग मान अलग-अलग हो सकते हैं।
शहर और तारीख़ चुनकर जानें आज का विशेष योग और उसका प्रभाव।
योग प्रश्नोत्तर
प्र.1. योग क्या है?
उत्तर: योग पंचांग के पाँच अंगों में से एक है। यह सूर्य और चंद्रमा की गतियों पर आधारित एक गणना है। योग का संबंध मनुष्य के कार्यों की सिद्धि और जीवन पर उनके प्रभाव से होता है।
प्र.2. योग कैसे गणना किया जाता है?
उत्तर: योग की गणना सूर्य और चंद्रमा की दीर्घांश (longitudes) को जोड़कर की जाती है। योग = (सूर्य की दीर्घांश + चंद्रमा की दीर्घांश) ÷ 13°20′। इस गणना से 27 योग बनते हैं।
प्र.3. कितने योग होते हैं?
उत्तर: कुल 27 योग होते हैं।
प्र.4. शुभ योग कौन-कौन से हैं?
उत्तर: शुभ माने जाने वाले योग हैं – शुभ, सिद्धि, ब्रह्म, आयुष्मान, सौभाग्य, शिव, सिद्ध, सदा विश, धृति, ध्रुवा
प्र.5. अशुभ योग कौन से माने जाते हैं?
उत्तर: अशुभ योग हैं – व्यतीपात, वैधृति, गण्ड, अतिगण्ड, शूल, विषकुम्भ, प्रीति (कुछ कार्यों के लिए अशुभ)
प्र.6. योग का दैनिक जीवन पर क्या प्रभाव होता है?
उत्तर: प्रत्येक योग का जीवन पर अलग प्रभाव होता है। शुभ योग में कार्य करने से सफलता मिलती है और अशुभ योग में कार्य करने से रुकावटें आ सकती हैं।
प्र.7. विवाह, गृह प्रवेश या कोई शुभ कार्य के लिए कौन-सा योग अच्छा है?
उत्तर: विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन आदि कार्यों के लिए शुभ, सिद्धि, ब्रह्म, आयुष्मान, सौभाग्य, शिव योग श्रेष्ठ माने जाते हैं।
प्र.8. अशुभ योग आने पर क्या करना चाहिए?
उत्तर: यदि अशुभ योग हो तो कार्य को टाल सकते हैं। यदि टालना संभव न हो तो पूजा-पाठ, मंत्रजप और दान करके अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।