रमा एकादशी : व्रत तिथि, कथा, पूजा विधि और महत्व
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और उनकी अर्धांगिनी माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, वैभव और पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। यह एकादशी सभी पापों का नाश करने वाली तथा मोक्ष प्रदान करने वाली मानी गई है।
रमा एकादशी का महत्व
- इस व्रत से धन-समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से घर-परिवार में वैभव और सौभाग्य बढ़ता है।
- पापों का नाश होकर जीवन में पुण्य की वृद्धि होती है।
- यह व्रत भौतिक सुखों के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान करता है।
रमा एकादशी पूजा विधि- प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- घर या मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
- धूप-दीप, पुष्प, फल और तुलसी पत्र अर्पित करें।
- विष्णु सहस्रनाम और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।
- दिनभर व्रत रखें और रात्रि में जागरण कर भजन-कीर्तन करें।
- अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करें और दान-पुण्य करें।
रमा एकादशी व्रत कथा
पुराणों के अनुसार, एक समय चंद्रवंश में मुचुकुंद नामक राजा थे। उनकी पुत्री चंद्रभागा का विवाह शंख नामक राजकुमार से हुआ था। शंख ने रमा एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की। व्रत के प्रभाव से उसे दिव्य लोक की प्राप्ति हुई। इस कथा से यह प्रमाणित होता है कि रमा एकादशी का व्रत जीवन के सभी दुखों को समाप्त कर सुख-समृद्धि प्रदान करता है।
रमा एकादशी व्रत को करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं। जो श्रद्धा और भक्ति से इस व्रत का पालन करता है, उसे जीवन में कभी दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आगामी एकादशी की तिथियाँ
-
17 सितंबर 2025, बुधवार इंदिरा एकादशी
-
03 अक्टूबर 2025, शुक्रवार पापांकुशा एकादशी
-
17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार रमा एकादशी
-
01 नवंबर 2025, शनिवार देवउत्थान एकादशी
-
01 दिसंबर 2025, सोमवार गुरुवायूर एकादशी
-
01 दिसंबर 2025, सोमवार मोक्षदा एकादशी
-
15 दिसंबर 2025, सोमवार सफला एकादशी
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।