No match found. तिथि | आज की तिथि, पक्ष और मास जानकारी

आज की तिथि

दिल्ली,भारत : 11 सितंबर 2025 तिथि

तिथि चंद्रमा और सूर्य की स्थिति पर आधारित होती है और यह शुभ-अशुभ कार्यों के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यहाँ आपको प्रत्येक तिथि का महत्व और उसका प्रभाव मिलेगा।

सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय:06:04 प्रातः
सूर्यास्त:18:31 संध्या
तिथि
चतुर्थी (कृष्ण पक्ष )
प्रारंभ : 03: 38 pm , 10 Sep 25
समाप्त : 12: 45 pm , 11 Sep 25
पंचमी(कृष्ण पक्ष)
प्रारंभ : 12:45 pm , 11 Sep 25

समाप्त : 09:58 am , 12 Sep 25

📅 अन्य दिनांक/स्थान तिथि देखें

अपने शहर और तारीख़ चुनकर तिथि की सटीक जानकारी प्राप्त करें।

 

तिथि प्रश्नोत्तर

प्र.1. तिथि क्या होती है?
उत्तर: तिथि, चंद्रमा और सूर्य की स्थिति से गणना की जाती है। यह एक चंद्र दिवस है, जो चंद्रमा की कलाओं (शुक्ल पक्ष व कृष्ण पक्ष) के आधार पर बदलता है।

प्र.2. एक माह में कितनी तिथियाँ होती हैं?
उत्तर: एक चंद्र मास में 30 तिथियाँ होती हैं – 15 शुक्ल पक्ष और 15 कृष्ण पक्ष की।

प्र.3. पक्ष कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: दो प्रकार के:
  • शुक्ल पक्ष – अमावस्या के बाद से पूर्णिमा तक (चंद्रमा बढ़ता है)।
  • कृष्ण पक्ष – पूर्णिमा के बाद से अमावस्या तक (चंद्रमा घटता है)।

प्र.4. तिथि का महत्व क्यों है?
उत्तर: प्रत्येक तिथि का अपना विशेष महत्व और गुण होता है। शुभ कार्य, पूजा, व्रत, विवाह आदि सही तिथि देखकर ही किए जाते हैं।

प्र.5. कौन-सी तिथियाँ शुभ मानी जाती हैं?
उत्तर: द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी कई कार्यों के लिए शुभ मानी जाती हैं।

प्र.6. अशुभ तिथियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर: अमावस्या, पूर्णिमा (कुछ कार्यों हेतु), चतुर्दशी और अष्टमी कई कार्यों के लिए अशुभ मानी जाती हैं।

प्र.7. एक तिथि कितने समय की होती है?
उत्तर: सामान्यतः तिथि की अवधि 19 से 26 घंटे के बीच होती है। यह सूर्य-चंद्र की गति के अनुसार बदलती रहती है।

प्र.8. विवाह के लिए कौन-सी तिथियाँ शुभ हैं?
उत्तर: द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी और पूर्णिमा विवाह हेतु उत्तम मानी जाती हैं (नक्षत्र और योग के अनुसार)।

प्र.9. उपवास और व्रत के लिए कौन-सी तिथियाँ विशेष हैं?
उत्तर: एकादशी (व्रत), चतुर्थी (गणेश पूजा), षष्ठी (स्कंद पूजा), अष्टमी (दुर्गा पूजा), पूर्णिमा (सत्यनारायण व्रत) और अमावस्या (पितृ तर्पण) विशेष हैं।

प्र.10. तिथि कैसे गिनी जाती है?
उत्तर: सूर्य और चंद्रमा के बीच 12° के अंतर से एक तिथि पूरी होती है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

आगामी त्यौहार

 महा भरणी
11, सितंबर 2025
महा भरणी
 पंचमी श्राद्ध
11, सितंबर 2025
पंचमी श्राद्ध
 षष्ठी श्राद्ध
12, सितंबर 2025
षष्ठी श्राद्ध

© https://www.nakshatra.appAll Rights Reserved.