जय शैलपुत्री माता मैया जय शैलपुत्री माता ।
रूप अलौकिक पावन शुभ फल की दाता ।। जय शैलपुत्री माता ।। हाथ त्रिशूल कमल तल मैया के साजे । शीश मुकुट शोभामयी मैया के साजे ।। जय शैलपुत्री माता ।। दक्षराज की कन्या शिव अर्धांगिनी तुम । तुम ही हो सती माता पाप विनाशिनी तुम ।। जय शैलपुत्री माता ।। वृषभ सवारी माँ की सुन्दर अति पावन । सौभाग्यशाली बनता जो करले दर्शन ।। जय शैलपुत्री माता ।। आदि अनादि अनामय तुम माँ अविनाशी । अटल अनत अगोचर अतुल आनंद राशि ।। जय शैलपुत्री माता ।। नौ दुर्गाओं में मैया प्रथम तेरा स्थान । रिद्धि सिद्धि पा जाता जो धरता तेरा ध्यान ।। जय शैलपुत्री माता ।। प्रथम नवरात्रे जो माँ व्रत तेरा धरे । करदे कृपा उस जन पे तू मैया तारे ।। जय शैलपुत्री माता ।। मूलाधार निवासिनी हमपे कृपा करना । लाल तुम्हारे ही हम द्रष्टि दया रखना ।। जय शैलपुत्री माता ।। करुणामयी जगजननी दया नज़र कीजे । शिवसती शैलपुत्री माँ चरण शरण लिजे ।।जय शैलपुत्री माता ।।
रूप अलौकिक पावन शुभ फल की दाता ।। जय शैलपुत्री माता ।। हाथ त्रिशूल कमल तल मैया के साजे । शीश मुकुट शोभामयी मैया के साजे ।। जय शैलपुत्री माता ।। दक्षराज की कन्या शिव अर्धांगिनी तुम । तुम ही हो सती माता पाप विनाशिनी तुम ।। जय शैलपुत्री माता ।। वृषभ सवारी माँ की सुन्दर अति पावन । सौभाग्यशाली बनता जो करले दर्शन ।। जय शैलपुत्री माता ।। आदि अनादि अनामय तुम माँ अविनाशी । अटल अनत अगोचर अतुल आनंद राशि ।। जय शैलपुत्री माता ।। नौ दुर्गाओं में मैया प्रथम तेरा स्थान । रिद्धि सिद्धि पा जाता जो धरता तेरा ध्यान ।। जय शैलपुत्री माता ।। प्रथम नवरात्रे जो माँ व्रत तेरा धरे । करदे कृपा उस जन पे तू मैया तारे ।। जय शैलपुत्री माता ।। मूलाधार निवासिनी हमपे कृपा करना । लाल तुम्हारे ही हम द्रष्टि दया रखना ।। जय शैलपुत्री माता ।। करुणामयी जगजननी दया नज़र कीजे । शिवसती शैलपुत्री माँ चरण शरण लिजे ।।जय शैलपुत्री माता ।।