मासिक दुर्गाष्टमी : पूजा विधि, व्रत का महत्व और तिथियाँ
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व
हिंदू धर्म में प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन माँ दुर्गा के पूजन, व्रत और आराधना का विशेष महत्व होता है। यह दिन शक्ति साधना का माना गया है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को शक्ति, साहस और जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि में तो दुर्गाष्टमी विशेष रूप से मनाई जाती है, परंतु मासिक दुर्गाष्टमी भी उतनी ही शुभ और पुण्यदायी होती है। इस दिन उपवास रखने और माँ दुर्गा की उपासना करने से पापों का नाश होता है तथा भक्त को सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।
मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा विधि
- सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के पूजा स्थल या मंदिर में माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- गंगाजल से शुद्धिकरण करें और दीपक प्रज्वलित करें।
- माँ दुर्गा को लाल वस्त्र, सिंदूर, चुनरी और पुष्प अर्पित करें।
- दुर्गा सप्तशती या देवी कवच का पाठ करें।
- व्रत रखने वाले दिन फलाहार करें और रात को माता की आरती कर व्रत का समापन करें।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत का लाभ
- जीवन में आत्मबल और साहस की वृद्धि होती है।
- नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं का नाश होता है।
- संतान सुख, वैवाहिक जीवन और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- आरोग्य और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।
आगामी मासिक दुर्गाष्टमी की तिथियाँ
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30 सितंबर 2025, मंगलावर
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30 अक्टूबर 2025, गुरुवर
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28 नवंबर 2025, शुक्रवार
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