महालक्ष्मी मंत्र - धन, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्ति के लिए शक्तिशाली मंत्र

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ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

यह मंत्र धन, समृद्धि और सौंदर्य की हिंदू देवी, देवी महालक्ष्मी को समर्पित एक शक्तिशाली आह्वान है। यहाँ अर्थ है:

  • ओम - परम वास्तविकता, सार्वभौमिक चेतना का प्रतिनिधित्व करने वाला एक पवित्र शब्दांश।
  • श्रीं - महालक्ष्मी से जुड़ा एक बीज (बीज) मंत्र, प्रचुरता, धन और सुंदरता का प्रतीक है।
  • ह्रीं - दिव्य ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करने वाला एक और बीज मंत्र, जो अक्सर हृदय और दिव्य उपस्थिति से जुड़ा होता है।
  • श्रीं - श्रीं (प्रचुरता और समृद्धि) के गुणों पर जोर देने के लिए दोहराव।
  • कमले - कमल को संदर्भित करता है, जो पवित्रता और सुंदरता का प्रतीक है।
  • कमलालये - जो कमल में निवास करता है; देवी लक्ष्मी का एक और संदर्भ।
  • प्रसीद प्रसीद - "दयालु बनो, दयालु बनो।" यह देवी के आशीर्वाद और कृपा की याचना है।
  • ओम श्रीं ह्रीं श्रीं - महालक्ष्मी की दिव्य ऊर्जा का आह्वान करने के लिए पवित्र और बीज मंत्रों का दोहराव।
  • महालक्ष्मयै नमः - "मैं महालक्ष्मी को प्रणाम करता हूं," श्रद्धा दिखाते हुए और उनका आशीर्वाद मांगते हुए।
इन सबको एक साथ रखने पर, मंत्र का अनुवाद इस प्रकार होता है:
"ओम, मैं कमल में निवास करने वाली दिव्य महालक्ष्मी को नमन करता हूं। कृपया दयालु रहें, दयालु रहें। ओम, मैं महान देवी महालक्ष्मी को नमन करता हूं।"
धन, समृद्धि और समग्र कल्याण के लिए देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अक्सर इस मंत्र का जाप किया जाता है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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