ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
यह मंत्र धन, समृद्धि और सुंदरता की हिंदू देवी देवी लक्ष्मी को समर्पित एक सरल लेकिन शक्तिशाली आह्वान है।
यहां इसके अर्थ का विवरण दिया गया है:
- ओम - परम वास्तविकता, सार्वभौमिक चेतना का प्रतिनिधित्व करने वाला एक पवित्र शब्दांश।
- ह्रीं - दिव्य ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करने वाला एक बीज (बीज) मंत्र, जो अक्सर हृदय और परमात्मा की उपस्थिति से जुड़ा होता है।
- श्रीं - एक और बीज मंत्र जो विशेष रूप से महालक्ष्मी से जुड़ा है, जो प्रचुरता, धन और सुंदरता का प्रतीक है।
- लक्ष्मीभ्यो - लक्ष्मी को संदर्भित करता है, देवी को उसके सभी रूपों में स्वीकार करता है।
- नमः - "मैं झुकता हूं" या "मैं अपना सम्मान अर्पित करता हूं।"
इन सबको एक साथ रखने पर, मंत्र का अनुवाद इस प्रकार होता है:
"ओम, मैं देवी लक्ष्मी (उनके सभी रूपों में) को नमन करता हूं, जो दिव्य ऊर्जा और प्रचुरता का प्रतीक हैं।"
समृद्धि, धन और समग्र कल्याण के लिए देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।