श्री कृष्ण भजन | हँसा के क्यों रुलाए रे लिरिक्स

kunj-bihari
▶ Play
Singer:- Uma Lahari

हँसा के क्यों रुलाए रे, रुलाए रै कन्हैयाँ, ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे, ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे। रोके रुके ना आँख के आँसू, उमड़ उमड़ ये बरसे रै, तुझ बिन कौन सुनेगा मेरी, जाऊं कहाँ तेरे दर से रे, रुठ गई क्यों मुझसे बहारें, बता दे रे कन्हैयाँ, ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे, ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे। फूल खिलाकर ख़ुशियों के ये, ये क्या हुआ मुख मोड़ लिया, हाथ पकड़ कर चलने वाले, काहे अकेला छोड़ दिया, आशा जगा के चरण लगा के, सताए क्यों कन्हैयाँ, ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे, ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे। चाँद बिना क्या चाँदनी लहरी, दिप बिना क्या बाती रे, ये धरती पालन हारे बिन, कैसे रहे मुस्काती रै, भूल भूला दे फिर से हँसा दे, हसा दे रे कन्हैयाँ, ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे, ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे। हँसा के क्यों रुलाए रे, रुलाए रै कन्हैयाँ, ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे, ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

© https://www.nakshatra.appAll Rights Reserved.