भौम प्रदोष व्रत : महत्व, पूजा विधि और लाभ

shivji

भौम प्रदोष व्रत प्रत्येक मंगलवार को आने वाले प्रदोष तिथि के दिन रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव एवं माता पार्वती को समर्पित है। ‘भौम’ शब्द का अर्थ है मंगल ग्रह, और मंगलवार का स्वामी भी मंगल देव ही हैं। इस दिन प्रदोष व्रत रखने से शिव-शक्ति की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मंगल दोष, कर्ज़, कोर्ट-कचहरी व वैवाहिक जीवन से जुड़ी बाधाएँ दूर होती हैं।

भौम प्रदोष व्रत का महत्व

  • यह व्रत विशेषकर उन लोगों के लिए उत्तम माना गया है जिनकी कुंडली में मंगल दोष है।
  • भौम प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
  • यह व्रत कर्ज़ मुक्ति और शत्रु बाधाओं से बचाव का उपाय है।
  • विवाह में विलंब हो रहा हो तो यह व्रत विशेष फलदायी है।
  • मंगल ग्रह की शांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए भी यह श्रेष्ठ उपाय है।

पूजा विधि

  1. प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का लगभग 2 घंटे 24 मिनट का समय) में व्रती स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय और नंदी की पूजा करें।
  3. शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा, चंदन आदि अर्पित करें।
  4. विशेष रूप से लाल पुष्प, गुड़, और लाल चंदन का प्रयोग शुभ माना जाता है।
  5. मंगल देव की प्रसन्नता के लिए भी मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है।
  6. शिव आरती एवं मंगल मंत्र या शिव पंचाक्षरी मंत्र ("ॐ नमः शिवाय") का जप करें।

उपवास नियम

  • व्रती दिनभर निराहार या फलाहार रहकर भगवान शिव का ध्यान करता है।
  • रात्रि में प्रदोष काल की पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण किया जाता है।
  • ब्रह्मचर्य का पालन व्रत का महत्वपूर्ण नियम है।

भौम प्रदोष व्रत से मिलने वाले लाभ

  • मंगल दोष शांति और वैवाहिक जीवन की समस्याओं का समाधान।
  • धन और कार्यक्षेत्र में सफलता।
  • कोर्ट-कचहरी और शत्रुओं पर विजय।
  • स्वास्थ्य लाभ और मानसिक शांति।
भौम प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव और मंगल देव की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत जीवन से संकट और बाधाओं को दूर कर सुख-समृद्धि प्रदान करता है।

आगामी प्रदोष व्रत की तिथियाँ
  • 19 सितंबर 2025, शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत
  • 04 अक्टूबर 2025, शनिवार शनि प्रदोष व्रत
  • 18 अक्टूबर 2025, शनिवार शनि प्रदोष व्रत
  • 03 नवंबर 2025, सोमवार सोम प्रदोष व्रत
  • 17 नवंबर 2025, सोमवार सोम प्रदोष व्रत
  • 02 दिसंबर 2025, मंगलावर भौम प्रदोष व्रत
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

© https://www.nakshatra.appAll Rights Reserved.