डिफ़ॉल्ट
गर्म
प्रकृति

माणिक्य रत्न: जानिए इसके लाभ, सूर्य को मजबूत करने का महत्व और चमकदार किस्मत

red-gemstones
माणिक्य रत्न (Ruby) को ज्योतिष में एक ऊर्जावान और शक्तिशाली रत्न माना जाता है, जो सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इसे संस्कृत में "माणिक्य" और हिंदी में "यशस" भी कहा जाता है। यह रत्न लाल रंग का होता है और अपनी चमक व शक्ति के कारण विशेष स्थान रखता है।

माणिक्य रत्न क्यों पहनें?

माणिक्य रत्न मुख्य रूप से उन लोगों को धारण करने की सलाह दी जाती है जिन्हें सूर्य ग्रह की कृपा प्राप्त करनी होती है। यह रत्न आत्मविश्वास, नेतृत्व कौशल, और मानसिक शक्ति बढ़ाने में मदद करता है। जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उन्हें माणिक्य धारण करने से लाभ हो सकता है।

माणिक्य पहनने के लाभ

आत्मविश्वास में वृद्धि
माणिक्य आत्म-विश्वास और साहस को बढ़ाता है।
नेतृत्व गुण
इसे पहनने से नेतृत्व कौशल में सुधार होता है और व्यक्ति में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व का विकास होता है।
सूर्य दोष निवारण
कुंडली में सूर्य कमजोर हो या शत्रु भाव में हो, तो माणिक्य सूर्य को मजबूती प्रदान करता है।
स्वास्थ्य में सुधार
माणिक्य हृदय, आंखों और हड्डियों से संबंधित समस्याओं में भी लाभकारी माना जाता है।
भाग्य वृद्धि
यह रत्न व्यक्ति के भाग्य को भी चमकाने का कार्य करता है, जिससे जीवन में तरक्की होती है।
किन लोगों को माणिक्य पहनना चाहिए?
  1. सिंह राशि (Leo) के जातकों के लिए माणिक्य विशेष रूप से अनुकूल होता है, क्योंकि सूर्य इस राशि का स्वामी ग्रह है।
  2. वे लोग जिनकी कुंडली में सूर्य अशुभ भाव में है या सूर्य का प्रभाव कमजोर है।
  3. जिन लोगों को जीवन में उच्च पद या नेतृत्व भूमिकाओं की जरूरत हो, उन्हें माणिक्य से लाभ हो सकता है।
  4. माणिक्य उन व्यक्तियों को भी लाभ पहुंचा सकता है जो शिक्षा, प्रशासन, और राजनीति से जुड़े हुए हैं।

माणिक्य पहनने की सावधानियां

  1. माणिक्य पहनने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहिए।
  2. इसे आमतौर पर रविवार के दिन सोने या तांबे की अंगूठी में अनामिका उंगली में धारण किया जाता है।
  3. इसे धारण करने से पहले इसकी पूजा करनी चाहिए और सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए।
माणिक्य किसे नहीं पहनना चाहिए?
कुछ राशियों जैसे वृषभ (Taurus) और कन्या (Virgo) के जातकों के लिए माणिक्य रत्न अनुकूल नहीं होता, क्योंकि इन राशियों के स्वामी ग्रहों का सूर्य से मित्रता का संबंध नहीं होता। माणिक्य रत्न धारण करने से पहले एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें ताकि यह आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सके।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

लोकप्रिय टैग

दुर्गा माता भजन और गीत | माँ शक्ति संग्रह भजन और भक्ति गीत संग्रह कृष्ण भजन और गीत | राधा-कृष्ण भक्ति संगीत संग्रह हनुमान भजन और गीत | बजरंगबली संग्रह राम भजन और गीत | प्रभु श्रीराम की स्तुति संग्रह