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माणिक्य के उपरत्न: जानें लाभ, पहनने के नियम और सावधानियां

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माणिक्य रत्न (Ruby) सूर्य ग्रह का मुख्य रत्न है, जिसे पहनने से आत्मविश्वास, साहस और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है। लेकिन अगर माणिक्य उपलब्ध नहीं हो या अत्यधिक महंगा हो, तो इसके कुछ उपरत्न (समान प्रभाव वाले वैकल्पिक रत्न) होते हैं। ये उपरत्न भी सूर्य के प्रभाव को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, हालांकि इनका प्रभाव माणिक्य की तुलना में कम होता है।

माणिक्य के उपरत्न और उनके प्रभाव

लाल स्पिनेल (Red Spinel)
प्रभाव
लाल स्पिनेल माणिक्य का सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। यह रंग में गहरा लाल होता है और साहस, नेतृत्व क्षमता, तथा आत्म-विश्वास को बढ़ावा देने में मदद करता है।
माणिक्य की तुलना में
यह थोड़ा हल्का प्रभाव डालता है, लेकिन सूर्य के सकारात्मक गुणों को सक्रिय करने में सहायक है।
गुलाबी टोपाज (Pink Topaz)
प्रभाव
यह रत्न व्यक्तिगत आकर्षण बढ़ाता है और व्यक्ति को शांत एवं स्थिर बनाता है। यह माणिक्य के प्रभाव से थोड़ी भिन्न ऊर्जा प्रदान करता है।
माणिक्य की तुलना में
इसका प्रभाव सौम्य होता है और यह सूर्य के उग्र गुणों को उतनी शक्ति से नहीं बढ़ाता जितना माणिक्य करता है।
लाल गार्नेट (Red Garnet)
प्रभाव
यह रत्न मानसिक स्पष्टता, स्थिरता, और साहस में वृद्धि करता है। लाल गार्नेट पहनने से निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
माणिक्य की तुलना में
यह माणिक्य की तरह प्रबल आत्म-विश्वास नहीं बढ़ाता, लेकिन यह स्वास्थ्य और मनोबल के लिए सहायक होता है।
काले स्टार रूबी (Black Star Ruby):
प्रभाव
यह रत्न विशेषकर आध्यात्मिक ऊर्जा और साहस को बढ़ाता है। इसमें चमत्कारिक ऊर्जाएं होती हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में मनोबल बनाए रखने में सहायक होती हैं।
माणिक्य की तुलना में
इस उपरत्न का प्रभाव माणिक्य से कम है, लेकिन इसे धारण करने से मानसिक संतुलन और धैर्य में वृद्धि होती है।
सनस्टोन (Sunstone):
प्रभाव
यह रत्न मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाता है, साथ ही आत्मा की शक्ति को जाग्रत करता है। इसके पहनने से व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा और प्रसन्नता का संचार होता है।
माणिक्य की तुलना में
यह काफी हल्का विकल्प है और केवल सूर्य की आंशिक ऊर्जा को सक्रिय करता है।

उपरत्नों का माणिक्य से प्रभाव की तुलना

माणिक्य
सीधा सूर्य ग्रह को मजबूत करता है, जिससे व्यक्ति में नेतृत्व, आत्म-विश्वास, और साहस की वृद्धि होती है।
उपरत्न
माणिक्य की तुलना में इनका प्रभाव कम होता है और यह विकल्प खासकर तब धारण किए जाते हैं जब माणिक्य प्राप्त करने में कठिनाई हो। इन उपरत्नों में सूर्य के प्रभाव को आंशिक रूप से ही बढ़ाने की शक्ति होती है। इन उपरत्नों को धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें ताकि यह आपकी कुंडली के अनुसार अनुकूल हो।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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