ॐ जय साईनाथ जय साईनाथ,
आदि ना अंत तुम्हारा
श्रद्धा नमन हमारा | (2)
धरती पर रहकर प्रभु
तुमने तन अम्बर तक विस्तारा |
ॐ जय साईनाथ जय साईनाथ,
आदि न अंत तुम्हारा तुम्हें श्रद्धा नमन हमारा |
ॐ साईं राम, साईं श्याम,
दुःख भंजन तेरो नाम |
हे साईनाथ तेरे आने से हुआ,
धनिया ये धरती धाम धाम |
ॐ जय साईनाथ जय साईनाथ,
आदि न अंत तुम्हारा,
तुम्हें श्रद्धा नमन हमारा | (2)
धरती पर रहकर प्रभु तुमने
तन अम्बर तक विस्तारा |
ॐ जय साईनाथ जय साईनाथ,
आदि न अंत तुम्हारा,
तुम्हे श्रद्धा नमन हमारा |
ईश्वरीय आलोक के लिए,
प्रभु मानव रूप धरे हो |
चमत्कार ही चमत्कार से,
तुम संपूर्ण भरे हो | (2)
सौभाग्य जुड़े तब दर्शन
का सौभाग्य मिले सुखकारा |
ॐ जय साईनाथ जय साईनाथ,
आदि न अंत तुम्हारा,
तुम्हे श्रद्धा नमन हमारा | (2)
धरती पर रहकर प्रभु
तुमने तन अम्बर तक विस्तारा |
ॐ जय साईनाथ जय साईनाथ,
आदि न अंत तुम्हारा,
तुम्हे श्रद्धा नमन हमारा |
हम तो तुमसे जुड़कर बैठे,
नाते दुनियावाले |
रूप विराट दिखा कर तुमने मन अचरज में डाले |
संता हमें फिर लौटा दो,
वही सहज रूप मनहरा |
ॐ जय साईनाथ जय साईनाथ,
आदि न अंत तुम्हारा,
तुम्हे श्रद्धा नमन हमारा | (2)
धरती पर रहकर प्रभु
तुमने तन अम्बर तक विस्तारा |
ॐ जय साईनाथ जय साईनाथ,
आदि न अंत तुम्हारा,
तुम्हें श्रद्धा नमन हमारा