ये तेरी रस भरी मुरली मेरे मन को तडपाती है
वो मुरली याद आती है सुन कान्हा सुन
सुन कान्हा सुन मुरली ना बजा
तुम्हारी याद में कान्हा मै दिन दिन भटकती हु
जो आई रात तैरन को मै मछली सी तडपती हु
ये तेरी सांवरी सूरत मेरे मन को तडपाती है
वो सूरत याद आती है सुन कान्हा सुन
सुन कान्हा सुन वो मुरली याद आती है
सुना है आपने मथुरा में पापी कंस को मारा
बचाए देव की वसुदेव दुलारा नन्द के लाला
बचायी लाज द्रोपद की घटी ना पांच गज साडी
वो साड़ी याद आती है वो सूरत याद आती है
ये तेरी रस भरी मुरली मेरे मन को लुभाती है
वो मुरली याद आती है सुन कान्हा सुन
सुन कान्हा सुन मुरली ना बजा
ओ मुरली याद आती है वो मुरली याद आती है