|| ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: ||
शुक्र बीज मंत्र का एक शक्तिशाली मंत्र है जो शुक्र ग्रह के प्रभाव को बढ़ाता है। शुक्र ग्रह प्रेम, सौंदर्य, और सुख-सुविधाओं का ग्रह है। शुक्र बीज मंत्र का जाप शुक्र ग्रह की कृपा प्राप्त करने और इसके अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए किया जाता है। शुक्र ग्रह वैदिक ज्योतिष में प्रेम, सौंदर्य, कला, ऐश्वर्य, विवाह, और भौतिक सुखों का प्रतीक है। अगर किसी की कुंडली में शुक्र कमजोर हो या अशुभ प्रभाव डाल रहा हो, तो इस बीज मंत्र का जाप शुभ फल प्राप्त करने के लिए किया जाता है। मंत्र का अर्थ: ॐ — ब्रह्मांड की पवित्र ध्वनि। द्रां, द्रीं, द्रौं — शुक्र ग्रह के बीज मंत्र, जो शुक्र ग्रह की ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। सः — यह एक शक्तिशाली ध्वनि है जो शुभ और सकारात्मक ऊर्जा को जागृत करती है। शुक्राय — शुक्र ग्रह को संबोधित। नमः — नमन या समर्पण। इस मंत्र का नियमित जाप शुक्र ग्रह के प्रभाव को संतुलित करता है, जीवन में प्रेम, सौंदर्य, ऐश्वर्य, और भौतिक सुखों की वृद्धि करता है। साथ ही, यह स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन को भी सुधारने में सहायक होता है।