करने लगे क्यूँ हमसे किनारा |
जब तक ये ब्रह्मांड रहेगा, साईं तेरा नाम रहेगा |
चाँद सितारे तुम्हे पुकारेंगे, जन्मोजनम हम रास्ता निहारेंगे |
आत्मा बदलेगी चोले हज़ार, हम मिलते रहेंगे बारम्बार |
आपके कदमो में बेठे रहेंगे, दुखड़े दिल के कहते रहेंगे |
आपकी मर्जी है दो या ना दो, हम तो कहेंगे दामन ही भर दो |
तुम हो दाता हम है भिखारी, सुनते नहीं क्यूँ अर्ज़ हमारी |
अच्छा चलो एक बात बता दो, क्या नहीं तुम्हारे पास बता दो |
जो नहीं देना है इनकार कर दो, ख़तम ये आपस की तकरार कर दो |
लौट के खाली चला जायूँगा, फिर भी गुण तेरे गायूँगा |
जब तक काया है तब तक माया है, इसी में दुखो का मूल समाया है |
सबकुछ जान के अनजान हूँ में,अल्लाह की तू शान तेरी शान हूँ में |
तेरा करम सदा सब पे रहेगा,ये चक्र युग-युग चलता रहेगा |
जो प्राणी गायेगा साईं तेरा नाम,उसको मुक्ति मिले पहुंचे परम धाम |
ये मंत्र जो प्राणी नित दिन गायेंगे,राहू , केतु , शनि निकट ना आयेंगे |
टाल जायेंगे संकट सारे,घर में वास करें सुख सारे |
जो श्रधा से करेगा पठन,उस पर देव सभी हो प्रस्सन |
रोग समूल नष्ट हो जायेंगे,कष्ट निवारण मंत्र जो गायेंगे |
चिंता हरेगा निवारण जाप,पल में दूर हो सब पाप |
जो ये पुस्तक नित दिन बांचे,श्री लक्ष्मीजी घर उसके सदा विराजे |
ज्ञान, बुधि प्राणी वो पायेगा,कष्ट निवारण मंत्र जो घयायेगा |
ये मंत्र भक्तों कमाल करेगा,आई जो अनहोनी तो टाल देगा |
भूत-प्रेत भी रहेंगे दूर,इस मंत्र में साईं शक्ति भरपूर |
जपते रहे जो मंत्र अगर,जादू-टोना भी हो बेअसर |
इस मंत्र में सब गुण समाये,ना हो भरोसा तो आजमाए |
ये मंत्र साई वचन ही जानो,सवयं अमल कर सत्य पहचानो |
संशय ना लाना विशवास जगाना,ये मंत्र सुखों का है खज़ाना |
इस पुस्तक में साईं का वास, जय साईं श्री साईं जय जय साईं |
बोलो सदगुरू साईं नाथ महाराज की जय