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ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
यह मंत्र भगवान कुबेर की प्रार्थना है, जिन्हें धन और समृद्धि का देवता माना जाता है। यह किसी के घर को धन और प्रचुरता से भरने के लिए कुबेर का आशीर्वाद मांगता है। मंत्र धन प्राप्ति के लिए भाग्य की देवी लक्ष्मी के आठ रूपों का भी आह्वान करता है।
यह मंत्र भगवान कुबेर और अष्ट-लक्ष्मी (धन और समृद्धि की आठ रूपों) को समर्पित है। इसका उपयोग घर में आर्थिक समृद्धि, धन-संपत्ति, और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह मंत्र जीवन में सुख-समृद्धि और वित्तीय उन्नति लाने की प्रार्थना करता है।
मंत्र का अर्थ
- ॐ — ब्रह्मांड की आदिम ध्वनि, जो सर्वशक्तिमान और ऊर्जा का प्रतीक है।
- ह्रीं — शक्ति और आध्यात्मिकता का बीज मंत्र।
- श्रीं — धन, समृद्धि, और सौभाग्य का बीज मंत्र।
- क्रीं — शक्ति और सिद्धि प्राप्ति का बीज मंत्र।
- श्रीं — पुनः लक्ष्मी बीज, धन और शुभता का प्रतीक।
- कुबेराय — धन के स्वामी भगवान कुबेर को संबोधित।
- अष्ट-लक्ष्मी — धन और समृद्धि की आठ रूपों की देवी लक्ष्मी।
- मम गृहे धनं पुरय पुरय — मेरे घर को धन से भर दें, कृपया इसे पूरा करें।
- नमः — नमन या समर्पण।
इस मंत्र का जप घर में धन की स्थिरता, वित्तीय प्रगति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह मंत्र आर्थिक समृद्धि के लिए एक शक्तिशाली साधन माना जाता है और अष्ट-लक्ष्मी और भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी है।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।