ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
मंत्र का अनुवाद
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे — हम अंजनी पुत्र (हनुमान) को जानते हैं। वायुपुत्राय धीमहि — हम वायु के पुत्र (हनुमान) का ध्यान करते हैं। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात् — हनुमान हमें प्रेरणा और मार्गदर्शन प्रदान करें।हम अंजनी के और पवन देवता वायु के पुत्र भगवान हनुमान से प्रार्थना करते हैं। वह हमारी बुद्धि को ज्ञान और समझ की ओर मार्गदर्शन करें।
यह मंत्र भगवान हनुमान की शक्ति, साहस, और भक्ति का आह्वान करने के लिए है। इसका जाप मानसिक और शारीरिक बल को बढ़ाता है और सभी प्रकार के भय को दूर करता है। हनुमान गायत्री मंत्र हिन्दू धर्म के मुख्य देवता हनुमान जी की पूजा एवं उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए जाप किया जाता है। यूँ कहे तो हनुमान जी अनेको मंत्र है किन्तु यह मंत्र अत्यंत ही प्रभावशाली है, इस मंत्र का नियमित जाप करने से हनुमान जी की कृपा, बल, और उनकी शक्ति को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है।