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कामिका एकादशी - महत्व, व्रत कथा और पूजा विधि

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कामिका एकादशी हिंदू चंद्र कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण और शुभ दिन है, जो श्रावण (जुलाई-अगस्त) के महीने में कृष्ण पक्ष के 11वें दिन (एकादशी) को मनाया जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है, और भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए उपवास और प्रार्थना करते हैं।

कामिका एकादशी का महत्व

आध्यात्मिक लाभ:

माना जाता है कि कामिका एकादशी का पालन करने से मोक्ष (मुक्ति) की प्राप्ति और जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।ऐसा कहा जाता है कि यह मन और शरीर को शुद्ध करता है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त करने में मदद मिलती है।

धार्मिक महत्व:

कामिका एकादशी पर उपवास करना बहुत शुभ माना जाता है और यह विभिन्न धार्मिक बलिदान और तीर्थयात्रा करने के बराबर है। ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी को भक्ति भाव से मनाने से पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।

अनुष्ठान और अनुष्ठान

उपवास (उपवास):

भक्त कामिका एकादशी पर कठोर उपवास रखते हैं, जो पूर्ण उपवास (निर्जला, बिना पानी के) से लेकर आंशिक उपवास (फलाहार, केवल फल और दूध का सेवन) तक हो सकता है। व्रत एकादशी के दिन सूर्योदय से शुरू होता है और अगले दिन (द्वादशी) को सूर्योदय के समय समाप्त होता है।

प्रार्थना और पूजा:

भक्त सुबह जल्दी उठते हैं, स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। विशेष पूजा की जाती है और विष्णु सहस्रनाम (विष्णु के एक हजार नामों का एक भजन) का पाठ किया जाता है। भगवान विष्णु को समर्पित मंदिरों को सजाया जाता है और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।

शास्त्रों का वाचन:

भगवद गीता, विष्णु पुराण और श्रीमद्भागवतम जैसे पवित्र ग्रंथों से भगवान विष्णु की कहानियों और महिमाओं को पढ़ना या सुनना इस व्रत का अभिन्न अंग है।

दान:

कामिका एकादशी पर दान देना और दान-पुण्य करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे व्रत के लाभ बढ़ते हैं और ईश्वरीय आशीर्वाद मिलता है।

कामिका एकादशी से जुड़ी किंवदंतियाँ

कामिका एकादशी से जुड़ी एक किंवदंती में भगवान कृष्ण और राजा युधिष्ठिर के बीच संवाद शामिल है। पद्म पुराण के अनुसार, भगवान कृष्ण युधिष्ठिर को कामिका एकादशी का महत्व समझाते हैं, और बताते हैं कि इस एकादशी की महिमा सुनने से भी व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे बहुत पुण्य मिलता है। एक अन्य कहानी एक भक्त लेकिन पापी व्यक्ति के बारे में बताती है, जिसने भक्ति के साथ कामिका एकादशी का पालन करके अपने पापों से मुक्ति पाई और मोक्ष प्राप्त किया। यह कहानी सच्ची भक्ति और इस पवित्र दिन के पालन की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर देती है।

2024 में कामिका एकादशी

2024 में कामिका एकादशी शुक्रवार, 2 अगस्त को मनाई जाएगी। कामिका एकादशी गहरी भक्ति, आध्यात्मिक चिंतन और भगवान विष्णु की कृपा पाने का दिन है। उपवास, प्रार्थना और दान के कार्यों के माध्यम से, भक्त अपने दिल और दिमाग को शुद्ध करने, अपने आध्यात्मिक संकल्प को मजबूत करने और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने का लक्ष्य रखते हैं।
आगामी एकादशी की तिथियाँ
  • 01 नवंबर 2025, शनिवार देवउत्थान एकादशी
  • 01 दिसंबर 2025, सोमवार गुरुवायूर एकादशी
  • 01 दिसंबर 2025, सोमवार मोक्षदा एकादशी
  • 15 दिसंबर 2025, सोमवार सफला एकादशी
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