कामदा एकादशी का व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। यह व्रत सभी प्रकार के पापों का नाश करने वाला और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। विशेष रूप से, यह व्रत प्रेम और सौहार्द के साथ-साथ इच्छित कार्यों में सफलता पाने के लिए किया जाता है।
कामदा एकादशी व्रत कथा
प्राचीन समय में, नागपुर नामक एक नगर में एक राजा पुंडरीक राज्य करते थे। उनका राज्य सुख-समृद्धि से भरा हुआ था। उसी राज्य में ललित और ललिता नामक एक दंपत्ति रहते थे। ललित एक प्रसिद्ध गायक था, जो राजा के दरबार में अपनी कला से सभी को मंत्रमुग्ध कर देता था। एक दिन, दरबार में प्रस्तुति देते समय, ललित का ध्यान अपनी पत्नी ललिता पर था, जिसके कारण वह गीत में सही स्वर नहीं लगा पाया। राजा को यह अस्वीकार्य लगा और उन्होंने क्रोधित होकर ललित को राक्षस बनने का शाप दे दिया। शाप से ललित तुरंत एक राक्षस में परिवर्तित हो गया। वह जंगलों में भटकने लगा, और उसकी पत्नी ललिता बहुत दुखी हो गई। अपने पति को इस स्थिति से मुक्त करने के लिए ललिता ने एक ऋषि से सलाह मांगी। ऋषि ने कहा, "चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी का व्रत करो और भगवान विष्णु की पूजा करो। इस व्रत के प्रभाव से तुम्हारे पति को शाप से मुक्ति मिलेगी।" ललिता ने विधिपूर्वक कामदा एकादशी व्रत का पालन किया। उसकी श्रद्धा और भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने प्रकट होकर ललित को शाप से मुक्त कर दिया। ललित फिर से एक सुंदर मानव के रूप में परिवर्तित हो गया, और दंपत्ति को सुखमय जीवन का आशीर्वाद मिला।कामदा एकादशी व्रत विधि
स्नान और शुद्धि
प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।संकल्प
भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें।पूजन की तैयारी
भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।पूजन सामग्री
तुलसी, फूल, दीपक, धूप, चंदन, फल, और पंचामृत।पूजन विधि
- भगवान विष्णु को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं।
- चंदन, अक्षत, और पुष्प अर्पित करें।
- भगवान विष्णु के समक्ष दीपक जलाएं।
मंत्र जाप
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।कथा श्रवण
कामदा एकादशी व्रत कथा को श्रद्धा से सुनें या पढ़ें।रात्रि जागरण
रातभर भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करें।पारण
द्वादशी तिथि को ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दान देकर व्रत का समापन करें।
व्रत का महत्व
- इस व्रत को करने से पापों का नाश होता है।
- भगवान विष्णु की कृपा से जीवन की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
- यह व्रत दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द बनाए रखता है।
- कामदा एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जय श्री हरि!
आगामी एकादशी की तिथियाँ
- 01 नवंबर 2025, शनिवार देवउत्थान एकादशी
- 01 दिसंबर 2025, सोमवार गुरुवायूर एकादशी
- 01 दिसंबर 2025, सोमवार मोक्षदा एकादशी
- 15 दिसंबर 2025, सोमवार सफला एकादशी