श्रावण मास की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या कहा जाता है।
यह पर्व मुख्य रूप से वृक्षारोपण, प्रकृति संरक्षण और भगवान शिव-शक्ति की आराधना को समर्पित है।
इस दिन महिलाएँ विशेष रूप से व्रत रखती हैं और पति की लंबी आयु व परिवार की समृद्धि के लिए पूजा करती हैं।
हरियाली अमावस्या 2025 की तिथि
- तिथि प्रारंभ: 25 जुलाई 2025, प्रातः 10:32 बजे
- तिथि समाप्त: 26 जुलाई 2025, प्रातः 08:54 बजे
हरियाली अमावस्या का महत्व
हरियाली अमावस्या प्रकृति को समर्पित एक पावन पर्व है।
इस दिन वृक्षारोपण करना, पर्यावरण की रक्षा करना और पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर की गई पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि, दाम्पत्य सुख और संतान सुख प्राप्त होता है।
विशेषकर यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना के लिए अत्यंत मंगलकारी है।
हरियाली अमावस्या की पूजा विधि
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लेकर भगवान शिव और पार्वती माता की पूजा करें।
- धूप-दीप, फल-फूल और बेलपत्र अर्पित करें।
- वृक्षारोपण करें और पौधों को जल दें।
- गरीब और जरूरतमंदों को भोजन एवं दान दें।
हरियाली अमावस्या पर उपाय
- पीपल के वृक्ष की पूजा कर दीपक जलाने से पितृ दोष दूर होते हैं।
- गाय को हरा चारा खिलाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- कन्याओं को वस्त्र व भोजन देने से दाम्पत्य जीवन में सौभाग्य मिलता है।
निष्कर्ष
हरियाली अमावस्या केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
इस दिन व्रत, पूजा, वृक्षारोपण और दान करने से जीवन में खुशहाली आती है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति सुरक्षित रहती है।