घटस्थापना 2025 – तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
घटस्थापना (Kalash Sthapana) नवरात्रि का प्रारंभिक और सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसे कलश स्थापना या घट स्थापना भी कहा जाता है। नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से ही होती है, जिसमें माँ दुर्गा को आमंत्रित कर कलश में विराजमान किया जाता है। यह अनुष्ठान शक्ति उपासना का प्रतीक है और पूरे नवरात्रि के दौरान कलश में देवताओं का वास माना जाता है।
घटस्थापना 2025 की तिथि और मुहूर्त
- तिथि: बुधवार, 24 सितम्बर 2025
- पर्व: शारदीय नवरात्रि का पहला दिन
- शुभ मुहूर्त (स्थापना): सुबह 06:15 बजे से 08:45 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: 12:00 बजे से 12:45 बजे तक (यदि प्रातःकालीन मुहूर्त न मिले तो)
घटस्थापना का महत्व
- घटस्थापना से माँ दुर्गा का आह्वान होता है।
- कलश में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, नवग्रह और सप्तकुल देवी-देवताओं का निवास माना जाता है।
- पूरे नवरात्रि में कलश का पूजन कर भक्त अपने घर में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।
- इस दिन से माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना प्रारंभ होती है।
घटस्थापना की विधि (Step by Step)
- प्रातः स्नान कर घर को साफ करें और पूजा स्थल तैयार करें।
- मिट्टी की चौकी पर जौ (बार्ली) बोएँ।
- ताम्र या मिट्टी के कलश में गंगाजल भरें।
- कलश पर रोली, स्वस्तिक और सुपारी रखें।
- नारियल को लाल वस्त्र में लपेटकर कलश के ऊपर रखें।
- आम के पत्ते या अशोक पत्ते कलश पर सजाएँ।
- देवी दुर्गा का आह्वान कर मंत्रोच्चार के साथ घटस्थापना करें।
- पूरे नवरात्रि कलश की विधिपूर्वक पूजा करें और अखंड ज्योति जलाएँ।
घटस्थापना में ध्यान देने योग्य बातें
- घटस्थापना का कार्य हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करें।
- दूषित या अशुद्ध स्थान पर घटस्थापना न करें।
- जौ बोते समय मन में माँ दुर्गा का स्मरण करें।
- पूरे नवरात्रि के दौरान कलश के जल को अशुद्ध न होने दें।
आगामी घटस्थापना की तिथियाँ
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