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वक्रतुण्ड महाकाय मंत्र: विघ्नहर्ता गणपति का शक्तिशाली श्लोक

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भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है — वे हर कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करते हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणपति के पूजन से ही की जाती है। गणेश जी का सबसे लोकप्रिय मंत्र है:

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

मंत्र का अर्थ

  • वक्रतुण्ड: टेढ़ी सूंड वाले (गणेश जी का विशेष रूप)
  • महाकाय: विशाल शरीर वाले
  • सूर्यकोटि समप्रभ: करोड़ों सूर्यों के समान प्रकाशमान
  • निर्विघ्नं कुरु मे देव: हे देव! मेरे कार्यों को विघ्नरहित कर दो
  • सर्वकार्येषु सर्वदा: हर कार्य में और हर समय

पाठ करने का महत्व

इस मंत्र का नियमित जाप करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। यह विशेष रूप से किसी नए कार्य, परीक्षा, व्यवसाय, विवाह या किसी भी शुभ आरंभ से पहले बोला जाता है।

जप विधि

  1. स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
  3. मंत्र का कम से कम 11 बार उच्चारण करें।
  4. शुद्ध भाव से प्रार्थना करें।

आध्यात्मिक लाभ

  • कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • आत्मबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • मानसिक शांति और एकाग्रता में वृद्धि होती है।
इस मंत्र के उच्चारण से न केवल बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का संचार होता है।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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