दीवाना बना दिया हमे,
मस्ताना बना दिया
हो बनवारी तेरी यारी ने,
दीवाना बना दिया
भूल गई सुध बुध अपनी,
बे-सुध सी हो गई,
अपने ही घर में रह कर,
बेघर सी हो गई
तुम्हे शमा बना के दिल अपना,
परवाना बना दिया
बनवारी तेरी यारी ने...........
तेरी पायल का बन घुंघरूं,
नाचूंगी संग मैं,
छोड़ रंग दुनियाँ के रंग गई,
तेरे ही रंग में
तुम्हे बना के मथुरा और खुद को,
बरसाना बना दिया
बनवारी तेरी यारी ने............
कुछ भी कहे ज़माना,
अब कोई परवाह नहीं,
धन दौलत और शोहरत की,
अब मुझ को चाह नहीं
क्या करूँ कांच के टुकड़ों का,
मैंने हीरा पा लिया,
बनवारी तेरी यारी ने........
तुम जो प्रेम पतंग बनो,
बन जाऊँगी डोर मैं,
उड़ती फिरूं गगन में संग संग,
चारों ओर मैं
कहे किशन तेरी पद रैनू ने,
जग बंधन छुड़ा लिया,
बनवारी तेरी यारी ने.............
