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डमरू बजाये अंग भस्म रमाये भजन लिरिक्स

डमरू बजाये अंग भस्म रमाये और , ध्यान लगाये किसका न जाने वो डमरू वाला, सब देवो में सब देवों में हे वो देव निराला, डमरू बजाये अंग भस्म रमाये और ध्यान लगाये किसका , मस्तक पे चंदा तेरी जाटा में हे गंगा, रहती पार्वती संग में सवारी हे बुढा नंदा, हे कैलाशी हे अविनाशी हे कैलाशी हे अविनाशी, रहता सदा मतवाला डमरू बजाये....... बाघम्बर धारी भोला शम्भू त्रिपुरारी, रहता मस्त सदा शिव की महिमा हे सबसे न्यारी, भोला भला वो मतवाला,पीवे भंग का प्याला, डमरू बजाये........ सत्संग मंडल ये गाये , भोला शम्भू को ध्याये, जो भी मांगे सो पावे दर से खली ना जाये, बड़ा हे दानी बड़ा हे ज्ञानी, बड़ा हे दानी बड़ा हे ज्ञानी, सारा जग का रखवाला ..........
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