व्याघात योग को ज्योतिष में अशुभ योगों में गिना जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ "बाधा" या "अवरोध" होता है। इस योग का प्रभाव उस दिन के कार्यों में बाधाएं, संघर्ष और कठिनाइयां ला सकता है। ज्योतिष के अनुसार, इस योग में किए गए कार्यों में कई तरह की अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए यह समय शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता।
व्याघात योग का प्रभाव और विशेषताएं
बाधाएं और अवरोध: इस योग में कार्यों में अचानक बाधाएं आ सकती हैं, और किसी कार्य को पूरा करने में अधिक समय और प्रयास की आवश्यकता हो सकती है।
मानसिक अशांति: इस योग के दौरान मानसिक अस्थिरता और तनाव बढ़ सकता है।
कार्य में विफलता की संभावना: इस योग में किए गए कार्यों के असफल होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए महत्वपूर्ण निर्णय और नए कार्य टालना बेहतर होता है।
व्याघात योग में क्या न करें
नए कार्यों की शुरुआत: इस योग में नए व्यवसाय, परियोजना या किसी भी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
महत्वपूर्ण निर्णयों से बचें: किसी भी बड़े फैसले या निवेश से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इसके परिणाम विपरीत हो सकते हैं।
यात्रा से बचें: इस योग में यात्रा करना अशुभ माना जाता है, क्योंकि इसमें रुकावटें या अप्रत्याशित समस्याएं आ सकती हैं।
व्याघात योग में क्या करें
धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य: इस योग में भगवान की पूजा, ध्यान, और साधना करना लाभकारी होता है। यह नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सहायक हो सकता है।
अवरोध दूर करने के उपाय: हनुमान जी या भगवान शिव की आराधना इस योग के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकती है।
व्याघात योग के प्रभावों से बचने के लिए इस दिन सावधानीपूर्वक और धैर्यपूर्वक कार्य करना चाहिए।
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