वैधृति योग हिंदू पंचांग में एक महत्वपूर्ण योग है, जो विशेष दिन और समय पर बनता है। इसे एक अशुभ योग माना जाता है और इसे किसी भी शुभ कार्य, जैसे विवाह, भूमि खरीदने या नए व्यापार की शुरुआत के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है।
वैधृति योग का महत्व और प्रभाव
- अशुभ प्रभाव: वैधृति योग के दौरान किए गए कार्यों को प्रभावी नहीं माना जाता है और इनमें रुकावटें या अवरोध आने की संभावना होती है।
- विवाह और मांगलिक कार्यों से बचें: यह योग शादी, गृह प्रवेश, या किसी अन्य महत्वपूर्ण मांगलिक कार्य के लिए उपयुक्त नहीं होता।
- नकरात्मक प्रभाव: वैधृति योग का प्रभाव शारीरिक, मानसिक या वित्तीय समस्याओं को जन्म दे सकता है।
- रोकथाम: इस योग के समय में व्यक्ति को धैर्य और सतर्कता से काम लेना चाहिए और इस समय के दौरान कोई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लेना चाहिए।
वैधृति योग में किए जाने वाले कार्य
- इस योग में कोई भी बड़ा निर्णय या नया काम शुरू करने से बचना चाहिए।
- धार्मिक कार्य या पूजा-पाठ करना कोई हानि नहीं करता, लेकिन बड़े जीवन निर्णयों से बचने की सलाह दी जाती है।
- पुराने कामों को सही दिशा में ले जाने के लिए यह योग उपयुक्त हो सकता है, लेकिन किसी नए कार्य की शुरुआत के लिए इसे टालना बेहतर होता है।
नोट: वैधृति योग में पंचांग की सलाह के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को टालने की सिफारिश की जाती है, क्योंकि यह समय अपयश और विघ्नकारी हो सकता है।
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