प्रेम तुमसे किया है ओ बाबा,
साथ मेरा निभाना पड़ेगा
भक्त वत्सल हो तुम तो साँवरिया,
आज तुमको दिखाना पड़ेगा
मीरा के प्रेम वश में होकर,
तूने अमृत बनाया जहर को
राणा ने लाख कांटे बिछाए,
तूने आसां किया था डगर को
सर्प के उस पिटारे को फिर से,
पुष्प हार बनाना पड़ेगा
मीत तेरा बना था सुदामा,
दुख में भी तो तुझे था रिझाता
फूटी कौड़ी भी पास नहीं थी,
भावना का वो भोग लगाता
आज फिर से वो तंदुल कन्हैया,
तुझको भोग लगाना पड़ेगा
प्रेम अर्जुन ने तुमसे किया तो,
रथ को उसके था तुमने चलाया
जो बने द्रौपदी के थे भ्राता,
चीर उसका था तुने बढ़ाया
ज्ञान गीता में तुमने दिया जो,
आज फिर से सुनाना पड़ेगा
जिसने तुमसे है प्रेम बनाया,
तुम समझ लेते उनके इशारे
ऐसा हमने सुना है की बाबा,
हारे के तुम हो बनते सहारे
"कमला" के भी तो प्रेम का बाबा,
मोल तुमको चुकाना पड़ेगा
