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प्रभु ने गले लगाया हनुमान रो रहे हैं

जो देखे भक्त के आंसू तो भगवान रो रहे हैं छोड़ेंगे न मैं दामन लिपटा, यूंही रहूँगा जन्मों के मेरे सपने, जन्मों के मेरे सपने अब पूरे हो रहे जो देखे भक्त के आंसू, तो भगवान रो रहे हैं प्रभु ने गले लगाया, हनुमान रो रहे हैं हे राम, मेरे स्वामी, करुणा के तुम हो सागर अपनी कृपा से प्रभुजी, तुम भर दो मेरी गदर अब अपने आंसूओं से प्रभु को भी गोरे रहे हैं जो देखे भक्त के आंसू, तो भगवान रो रहे हैं प्रभु ने गले लगाया, हनुमान रो रहे हैं हनुमान, रिन तुम्हारा जाएगा न उतारा, हार और मैंने देखापाया नहीं मैंने किनारा प्रभु भक्त की भावना से सब कुछ बोर हो रहे हैं जो देखे भक्त के आंसू, तो भगवान रो रहे हैं प्रभु ने गले लगाया, हनुमान रो रहे हैं कैसी है मेरी सीता, कपिवार मुझे बताओ, जो हाल तुमने देखा, कुछ भी नहीं छुपाओ प्रभु राम और लक्ष्मण बेचैन हो रहे हैं जो देखे भक्त के आंसू, तो भगवान रो रहे हैं प्रभु ने गले लगाया, हनुमान रो रहे हैं बिन पानी जैसी मछली, वैसी है जानकी जी अब प्राण अपने देंगी, कहती है जानकी जी लंका में मां के ऊपर बड़े जुल्म हो रहे हैं जो देखे भक्त के आंसू, तो भगवान रो रहे हैं प्रभु ने गले लगाया, हनुमान रो रहे हैं प्रभु ने गले लगाया, हनुमान रो रहे हैं
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