सूर्य ग्रहण उस खगोलीय घटना को कहते हैं जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की किरणें पृथ्वी तक पूर्ण या आंशिक रूप से नहीं पहुँच पातीं। वर्ष 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 22 सितम्बर 2025 (सोमवार) को लगेगा। यह ग्रहण खगोलीय दृष्टि से विशेष है और ज्योतिष के अनुसार इसका मानव जीवन, राशियों और प्रकृति पर असर पड़ता है।
                    
                    
                22 सितम्बर 2025 सूर्य ग्रहण का समय
- तिथि: सोमवार, 22 सितम्बर 2025
- ग्रहण प्रकार: आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse)
- भारत में दृश्यता: भारत के कुछ हिस्सों से आंशिक रूप से देखा जा सकेगा।
- ग्रहण काल: (सटीक समय स्थानानुसार बदल सकता है)
धार्मिक मान्यता और सूतक काल
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण के समय सूतक काल मान्य होता है। सूतक ग्रहण से लगभग 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और ग्रहण समाप्ति तक रहता है। इस दौरान पूजा-पाठ, खाना बनाना और शुभ कार्य वर्जित होते हैं।सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर अलग-अलग पड़ता है।
- कुछ राशियों को लाभ मिलता है तो कुछ को सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
- सूर्य ग्रहण का असर स्वास्थ्य, धन, करियर और मानसिक स्थिति पर पड़ सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
क्या करें और क्या न करें (उपाय)
- ग्रहण काल में भगवान का स्मरण, मंत्र जाप और ध्यान करें।
- ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें और घर की शुद्धि करें।
- दान-पुण्य विशेष फलदायी होता है।
- गर्भवती महिलाएँ घर के अंदर रहें और तेज चीजों (कैंची, चाकू आदि) का उपयोग न करें।
 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                 
                