नवरात्रि के 9 रंग - हर दिन का महत्व और देवी स्वरूप

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नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर दिन मां के अलग स्वरूप की आराधना होती है और उस दिन से संबंधित एक विशेष रंग भी निर्धारित होता है। इन रंगों को धारण करने से न केवल भक्त की भक्ति प्रबल होती है बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सौभाग्य और शांति भी आती है।

नवरात्रि 2025 के 9 रंग और देवी स्वरूप

1. प्रथम दिवस (22 सितंबर 2025) – मां शैलपुत्री – सफेद रंग
सफेद रंग शुद्धता और शांति का प्रतीक है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा सफेद वस्त्र पहनकर करने से जीवन में पवित्रता और नई शुरुआत का आशीर्वाद मिलता है।
2. द्वितीय दिवस (23 सितंबर 2025) – मां ब्रह्मचारिणी – लाल रंग
लाल रंग ऊर्जा, समर्पण और शक्ति का प्रतीक है। मां ब्रह्मचारिणी तप की देवी हैं। इस दिन लाल वस्त्र धारण करने से आत्मबल और साहस की प्राप्ति होती है।
3. तृतीय दिवस (24 सितंबर 2025) – मां चंद्रघंटा – रॉयल ब्लू रंग
रॉयल ब्लू रंग साहस और सुरक्षा का प्रतीक है। मां चंद्रघंटा की पूजा के समय इस रंग का वस्त्र पहनना भय और नकारात्मकता से मुक्ति दिलाता है।
4. चतुर्थ दिवस (25 सितंबर 2025) – मां कुष्मांडा – पीला रंग
पीला रंग प्रकाश, आनंद और सकारात्मकता का प्रतीक है। मां कुष्मांडा की पूजा में पीले वस्त्र पहनने से जीवन में समृद्धि और प्रसन्नता आती है।
5. पंचम दिवस (26 सितंबर 2025) – मां स्कंदमाता – हरा रंग
हरा रंग समृद्धि और जीवन शक्ति का प्रतीक है। मां स्कंदमाता की पूजा के दिन हरे वस्त्र धारण करने से परिवारिक सुख-शांति और उन्नति का आशीर्वाद मिलता है।
6. षष्ठम दिवस (27 सितंबर 2025) – मां कात्यायनी – धूसर (ग्रे) रंग
ग्रे रंग संतुलन और स्थिरता का प्रतीक है। मां कात्यायनी के पूजन में इस रंग का प्रयोग करने से जीवन में धैर्य और विवेक की वृद्धि होती है।
7. सप्तम दिवस (28 सितंबर 2025) – मां कालरात्रि – नारंगी रंग
नारंगी रंग शक्ति, उत्साह और साहस का प्रतीक है। मां कालरात्रि की पूजा में इस रंग का वस्त्र पहनने से भय का नाश होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
8. अष्टम दिवस (29 सितंबर 2025) – मां महागौरी – मोर-हरा/टील रंग
टील या मोर-हरा रंग सौम्यता और संतुलन का प्रतीक है। मां महागौरी की आराधना में यह रंग पहनने से मानसिक शांति और शुद्धता की प्राप्ति होती है।
9. नवम दिवस (30 सितंबर 2025) – मां सिद्धिदात्री – गुलाबी रंग
गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और भक्ति का प्रतीक है। मां सिद्धिदात्री की पूजा में गुलाबी वस्त्र धारण करने से साधक को दिव्य सिद्धियां और कृपा प्राप्त होती है। शारदीय नवरात्रि 2025 में नौ दिनों के ये नौ रंग मां दुर्गा के स्वरूपों से जुड़े हैं। इन रंगों को पहनकर भक्त न केवल मां की आराधना में सम्मिलित होते हैं बल्कि अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास और सौभाग्य भी प्राप्त करते हैं।
ध्यान रखें: क्षेत्रीय परंपराओं और पंचांगों के अनुसार रंगों में कुछ अंतर हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: नवरात्रि के 9 रंग क्यों महत्वपूर्ण माने जाते हैं?
उत्तर: नवरात्रि के 9 रंग माँ दुर्गा के 9 रूपों से जुड़े होते हैं। हर रंग विशेष गुण, ऊर्जा और आशीर्वाद का प्रतीक है, जिसे पहनने और पूजन में अपनाने से सकारात्मकता मिलती है।
प्रश्न 2: क्या नवरात्रि के रंग हर साल बदलते हैं?
उत्तर:हाँ, नवरात्रि के 9 रंग चंद्र कैलेंडर और सप्ताह के दिनों के अनुसार तय होते हैं। इसलिए हर साल उनका क्रम बदल सकता है।
प्रश्न 3: नवरात्रि के पहले दिन कौन सा रंग पहनना शुभ होता है?
उत्तर: पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा होती है और उनके लिए पीला रंग शुभ माना जाता है।
प्रश्न 4: क्या केवल महिलाएँ ही ये 9 रंग पहन सकती हैं?
उत्तर: नहीं, नवरात्रि के 9 रंग पुरुष और महिलाएँ दोनों पहन सकते हैं। यह रंग शुभता और सकारात्मक ऊर्जा देने वाले माने जाते हैं।
प्रश्न 5: क्या पूजा के दौरान केवल कपड़ों में ही इन रंगों का महत्व है?
उत्तर: नहीं, नवरात्रि में सजावट, पूजा के वस्त्र, चुनरी, और घर की साज-सज्जा में भी इन रंगों का प्रयोग शुभ माना जाता है।
प्रश्न 6: नवरात्रि में रंगों का पालन करना अनिवार्य है?
उत्तर: यह पूरी तरह श्रद्धा और आस्था पर निर्भर है। रंगों का पालन करने से सकारात्मक वातावरण और उत्साह बढ़ता है, लेकिन यह कोई बाध्यता नहीं है।

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