मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे
घनश्याम सांवरिया मेरे
तुम दीनबंधु हितकारी
आए हम शरण तिहाड़ी
काटो जनम मरन के फेरे
घनश्याम सांवरिया मेरे
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे….
विषयों के जाल में फंस कर
मोह ममता के पाश में कस कर
दुख पाए मैं नाथ घनेरे
घनश्याम सांवरिया मेरे
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे….
हम दीन हीं संसारी
आशा एक नाथ तिहाड़ी
तेरे चरण कमल के चेरे
घनश्याम सांवरिया मेरे
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे….
तूने लाखों पापी तारे
नहीं कोई गुण दोष विचारे
खड़ा भिक्षु द्वार पे तेरे
घनश्याम सांवरिया मेरे
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे….