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प्रकृति

महाकुंभ मे डुबकी लगा लिरिक्स

हर हर गंगे नमः शिवाय गंगा जहां वहां शंभु समाये गंगा की धारा शिव शिव गाए गंगा जहां वहां शंभु समाये महाकुंभ में डुबकी लगा महादेव जी मिल जाएंगे हर हर गंगे नमः शिवाय गंगा जहां वहां शंभु समाये महाकुंभ में डुबकी लगा महादेव जी मिल जाएंगे गंगा की लहरों में तुझे शिव गंगाधर दिख जाएंगे उतरा है स्वर्ग प्रयाग में रख आस्था अनुराग में शिव गंगा एक दिन तुझे मुक्ति का पथ दिखलाएंगे महाकुंभ में डुबकी लगा महादेव जी मिल जाएंगे गंगा की लहरों में तुझे शिव गंगाधर दिख जाएंगे हर हर गंगे नमः शिवाय गंगा जहां वहां शंभु समाये हर हर गंगे नमः शिवाय गंगा जहां वहां शंभु समाये ये गंगा जमुना सरस्वती शिव करुणा का उपहार है हर हर गंगे नमः शिवाय गंगा जहां वहां शंभु समाये ये गंगा जमुना सरस्वती शिव करुणा का उपहार है धरती को प्यासा देखकर शिव ने किया उपकार है पानी समझना ना इसे महाकुंभ अमृत धार है जब तक है शिव गंगा यहाँ तब तक ही ये संसार है हो जाएंगे उस पार वो गोते यहां जो लगाएंगे महाकुंभ में डुबकी लगा महादेव जी मिल जाएंगे गंगा की लहरों में तुझे शिव गंगाधर दिख जाएंगे महाकुंभ में डुबकी लगा महादेव जी मिल जाएंगे महादेव जी मिल जाएंगे महादेव जी मिल जाएंगे कर्ता करे सो ना होय शिवा करे सो होय तीन लोक नौ खंड बसे शिव से बड़ा न कोई
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