माँ कात्यायनी आरती - दुर्गा पूजा का पावन स्तोत्र

katyayani-aarti
माँ कात्यायनी नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाती हैं। उनकी आराधना करने से साधक को बुद्धि, ज्ञान और धर्म का वरदान मिलता है। माँ कात्यायनी की पूजा के दौरान की जाने वाली आरती निम्नलिखित है:

जय कात्यायनी माता, जय कात्यायनी माता। रिद्धि सिद्धि दायिनी, दानव दलनकर्ता॥ जय कात्यायनी माता... ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी। आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥ जय कात्यायनी माता... चन्द्र सहोदरि, अमा चन्द्र धारा। कात्यायनी माता, नाम तुम्हारा॥ जय कात्यायनी माता... हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जाई बखानी॥ जय कात्यायनी माता... मातंगी, धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥ जय कात्यायनी माता... श्री भैरव तारा, जग तारिणी। छिन्न भल भव दुःख निवारिणी॥ जय कात्यायनी माता... केहरि वाहन सोहै, अट्हासिनी। दसन कृत अम्बर, शोभित दरासिनी॥ जय कात्यायनी माता... वाराही, मातंगी, जय अम्बे। गौरी वर दे हरि अपरा अम्बे॥ जय कात्यायनी माता... कत्यायन प्राणधार, तुम जगतारिणी। सुख सम्पत्ति कारिणी, दुख हारिणी॥ जय कात्यायनी माता...

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

© https://www.nakshatra.appAll Rights Reserved.