लाभ पंचमी दिवाली पर्व का अंतिम दिन माना जाता है और इसे गुजरात और महाराष्ट्र में विशेष रूप से मनाया जाता है। इसे "सौभाग्य पंचमी" और "ग्यान पंचमी" के नाम से भी जाना जाता है। लाभ पंचमी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है और इस दिन व्यापारी और कारोबारी अपने व्यवसाय की नई शुरुआत करते हैं।
लाभ पंचमी का महत्व
लाभ पंचमी का मुख्य उद्देश्य व्यवसाय और व्यापार में लाभ की प्राप्ति और समृद्धि की कामना करना है। इस दिन लोग भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं ताकि उनके जीवन में सौभाग्य और आर्थिक सफलता बनी रहे।पूजा विधि
लाभ पंचमी के दिन व्यापारी अपने प्रतिष्ठान और कार्यालय में विधिवत पूजा करते हैं। इस पूजा में माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने दीप जलाए जाते हैं और मिठाइयों और फूलों का भोग अर्पित किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन पुराने खाते बंद करके नए खाता-बही की शुरुआत भी की जाती है।लाभ पंचमी का संदेश
लाभ पंचमी हमें यह सिखाती है कि सही नीतियों और मेहनत के साथ जीवन में लाभ और सफलता प्राप्त की जा सकती है। यह दिन समृद्धि, शुभता, और सफलता का प्रतीक है।आगामी लाभ पंचमी की तिथियाँ
- 14 नवंबर 2026, शनिवार