आरती श्री कूष्मांडा माता जी की
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।।
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।।
कूष्मांडा तुम्हीं जग दाता, तुम ही हो भवानी।
सूर्य मंडल में निवास कर, जग को करती हो प्रकाशमानी।।
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।।
चार भुजाओं में शोभित, कमल और माला।
अमृत कलश और कमंडलु, विराजे निराला।।
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।।
सिंह वाहिनी माँ, सुख संपत्ति दायिनी।
दुःख दरिद्रता दूर कर, जीवन में खुशियाँ लायिनी।।
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।।
भक्तजन जो ध्यावत, श्रद्धा से माता।
सुख संपत्ति मिलत, जीवन में भर जाता।।
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।।