कैसा चक्र चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने
उंगली ने तेरी उंगली ने तेरी
कैसा चक्र चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने
जब द्रोपदी दुष्टों ने घेरी
कैसा चिर बढाया रे श्याम तेरी ऊँगली ने
कैसा चक्र चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने
जहर का प्याला राणाजी ने भेजा
कैसा अमृत बनाया रे श्याम तेरी ऊँगली ने
कैसा चक्र चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने
जब प्रह्लाद पहाड़ से गिरा था
कैसा कमल खिलाया रे श्याम तेरी ऊँगली ने
कैसा चक्र चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने
जब नरसी ने तुमको टेरा
कैसा भात भराया रे श्याम तेरी ऊँगली ने
कैसा चक्र चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने
जब अर्जुन ने जैद्रात को मारा
कैसा सूरज छिपाया रे श्याम तेरी उंगली ने
कैसा चक्र चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने