जितना राधा रोई रोई कान्हा के लिए

जितना राधा रोई रोई कान्हा के लिए भगवान श्री कृष्ण, राधा रानी और प्रभु के परम मित्र श्री सुदामा जी को समर्पित भक्ति भजन है। कहा जाता है की भगवान श्री कृष्ण राधा रानी से अत्यंत प्रेम करते थे और वो दोनों एक दूसरे की जुदाई में जीवनभर रोते रहे किन्तु राधा रानी के समान ही भगवान श्री कृष्ण अपने मित्र सुदामा से भी उतना ही प्रेम करते थे और सुदामा के लिए भी प्रभु उतना ही तड़पते रोते थे।

जितना राधा रोई रोई , कान्हा के लिए । जितना राधा रोई रोई , कान्हा के लिए ।। कन्हैया उतना रोया रोया है,सुदामा के लिए । कन्हैया, उतना रोया रोया है,सुदामा के लिए ।। हो जितना राधा रोई रोई , कान्हा के लिए । जितना राधा रोई रोई , कान्हा के लिए ।। कन्हैया उतना रोया रोया है,सुदामा के लिए । कन्हैया, उतना रोया रोया है,सुदामा के लिए ।। बोला हो हो मतवाला यार मेरा मुरली वाला ।। यार की हालत देखी, उसकी हालत पर रोया । यार के आगे अपनी, शान और शौकत पर रोया ।। यार की हालत देखी, उसकी हालत पर रोया । यार के आगे अपनी, शान और शौकत पर रोया ।। ऐसा तड़पा तड़पे क्षमा , परवाने के लिए । ऐसा तड़पा तड़पे क्षमा , परवाने के लिए ।। कन्हैया उतना रोया रोया है,सुदामा के लिए । बोला हो हो मतवाला यार मेरा मुरली वाला ।। पांव के छाले देखें, तो दुख के मारे रोया । पांव धोने के खातिर, खुशी के मारे रोया ।। पांव के छाले देखें, तो दुख के मारे रोया । पांव धोने के खातिर, खुशी के मारे रोया ।। हो आंसू थे भरपाई, अब तो जीने के लिए । आंसू थे भरपाई, अब तो जीने के लिए ।। कन्हैया उतना रोया रोया है,सुदामा के लिए । बोला हो हो मतवाला यार मेरा मुरली वाला ।। उसके आने से रोया, उसके जाने पर रोया होके गदगद चावल के, दाने-दाने पर रोया ।। उसके आने से रोया, उसके जाने पर रोया । होके गदगद चावल के, दाने-दाने पर रोया ।। हो बनवारी वह रोया , बस याराना के लिए । बनवारी वह रोया, बस याराना के लिए ।। कन्हैया उतना रोया रोया है,सुदामा के लिए । कन्हैया, उतना रोया रोया है,सुदामा के लिए ।। हो जितना राधा रोई रोई , कान्हा के लिए । जितना राधा रोई रोई , कान्हा के लिए ।। कन्हैया उतना रोया रोया है,सुदामा के लिए । कन्हैया, उतना रोया रोया है,सुदामा के लिए ।। कन्हैया, उतना रोया रोया है,सुदामा के लिए ।।

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