जरा चल के वृंदावन देखो
श्याम बंसी बजाते मिलेंगे
झूला झूलती मिलेंगी राधा रानी
और मोहन झूलाते मिलेंगे
वहां बांके बिहारी की झांकी
बड़ी अनुपम अनोखी है बाकी
वहां रहती है ग्वालो की टोलियां
वह तो माखन चुराते मिलेंगे
जरा चल के वृंदावन देखो…
यहां बहती है जमुना की धारा
पाप कटेगी जैसे हो आरा
वहां रहती है संतों की टोलियां
वह तो हरी गुण गाते
जरा चल के वृंदावन देखो…
वहां रहती है मीरा दीवानी
वह तो मोहन के मन की है रानी
बोली राणा जी घर अपने जाओ
मेरे मोहन कभी तो मिलेंगे
जरा चल के वृंदावन देखो…
जरा चल के वृंदावन देखो
श्याम बंसी बजाते मिलेंगे
जरा चल के वृंदावन देखो…
जरा चल के वृंदावन देखो
श्याम बंसी बजाते मिलेंगे
झूला झूलती मिलेंगी राधा रानी
और मोहन झूलाते मिलेंगे।
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