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हनुमान शाबर मंत्र

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ॐ हनु हनु हनुमंते,हठें कश्यप दु:ख हरणाय कुरु कुरु स्वाहा।।

हनुमान शाबर मंत्र हनुमान जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए एक अत्यधिक शक्तिशाली मंत्र है। शाबर मंत्र का उच्चारण आसान होता है और यह मंत्र अधिकतर लोकभाषा में होते हैं। हनुमान शाबर मंत्र का जाप भक्तों को साहस, बल, और शत्रुओं पर विजय प्रदान करता है। यह मंत्र विशेष रूप से तब उपयोगी होते हैं जब कोई व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में फंस जाता है और उसे तत्काल मदद की आवश्यकता होती है।

मंत्र का अर्थ

  • ॐ:यह परमात्मा का सार्वभौमिक नाम है, जो ऊर्जा का स्रोत है।
  • हनु हनु हनुमंते: यह हनुमान जी का आह्वान है, जो भक्तों के सभी दुखों और बाधाओं को दूर करते हैं।
  • हठें कश्यप दु:ख हरणाय: इसका अर्थ है कि हनुमान जी, अपने भक्त कश्यप के सभी दुखों को हठपूर्वक हर लें।
  • कुरु कुरु स्वाहा: यह एक निवेदन है कि हनुमान जी कृपया तुरंत कार्रवाई करें और दुखों को समाप्त करें।

मंत्र का जाप करने की विधि

  • स्थान:मंत्र जाप करने के लिए एक शांत और पवित्र स्थान चुनें।

  • समय: सुबह या शाम का समय सबसे अच्छा होता है।
  • आसन: किसी साफ और पवित्र आसन पर बैठें।
  • माला: रुद्राक्ष या तुलसी की माला का उपयोग कर सकते हैं।
  • संख्या: इस मंत्र का 108 बार जाप करें या अपनी आवश्यकता और सुविधा के अनुसार।

मंत्र के लाभ

  • साहस और बल: हनुमान जी की कृपा से शारीरिक और मानसिक बल में वृद्धि होती है।
  • संकट निवारण: सभी प्रकार के संकटों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
  • शत्रु विजय: शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और वे परास्त होते हैं। आध्यात्मिक उन्नति: मंत्र जाप से आध्यात्मिक उन्नति होती है और भक्ति में वृद्धि होती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: यह मंत्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
हनुमान शाबर मंत्र का नियमित जाप करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और समस्याओं का समाधान होता है और हनुमान जी की कृपा से सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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