गर करण भारतीय पंचांग के 11 करणों में से एक है। "करण" तिथि का आधा भाग होता है, और हर दिन में दो करण होते हैं। गर करण को शुभ और सकारात्मक करण माना जाता है। इसे स्थिरता और सफलता प्रदान करने वाला करण समझा जाता है।
शुभ कार्य
गर करण का महत्व
शुभ कार्यों के लिए आदर्श
गर करण में धार्मिक और मांगलिक कार्य करना शुभ माना जाता है। नए कार्यों की शुरुआत और व्यापारिक निर्णय लेने के लिए यह करण उपयुक्त है।धार्मिक और सामाजिक कार्य
पूजा-पाठ, यज्ञ, और दान-पुण्य जैसे कार्य इस करण में विशेष लाभकारी होते हैं।आध्यात्मिक साधना के लिए अनुकूल
गर करण के दौरान ध्यान, जप, और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों का फल अधिक मिलता है।गर करण का स्वभाव
- प्रकृति: शुभ और सकारात्मक।
- शुभता: गर करण में किए गए कार्य दीर्घकालिक लाभ देते हैं।
- ग्रह प्रभाव: गर करण पर चंद्रमा और मंगल का प्रभाव होता है, जो इसे सक्रिय और स्थिर बनाता है।