पापांकुशा एकादशी – तिथि, महत्व, व्रत एवं पूजा विधि
पापांकुशा एकादशी हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह एकादशी पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान पद्मनाभ (श्री विष्णु) की पूजा करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को वैकुण्ठ धाम की प्राप्ति होती है।
पापांकुशा एकादशी का महत्व
- इस व्रत को करने से पापों का क्षय होता है।
- व्यक्ति को उत्तम लोकों की प्राप्ति होती है।
- भगवान विष्णु की कृपा से परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
- मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।
व्रत एवं पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा करें।
- धूप, दीप, नैवेद्य और तुलसी दल अर्पित करें।
- विष्णु सहस्रनाम या विष्णु स्तोत्र का पाठ करें।
- निर्जल या फलाहार व्रत का पालन करें।
- संध्या समय आरती करें और व्रत कथा सुनें।
आगामी एकादशी की तिथियाँ
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17 सितंबर 2025, बुधवार इंदिरा एकादशी
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03 अक्टूबर 2025, शुक्रवार पापांकुशा एकादशी
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17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार रमा एकादशी
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01 नवंबर 2025, शनिवार देवउत्थान एकादशी
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01 दिसंबर 2025, सोमवार गुरुवायूर एकादशी
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01 दिसंबर 2025, सोमवार मोक्षदा एकादशी
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15 दिसंबर 2025, सोमवार सफला एकादशी
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