बंगाल महानवमी – दुर्गा पूजा का महत्व और विधि
महानवमी दुर्गा पूजा का नौवाँ दिन है और विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में इसे भव्य तरीके से मनाया जाता है। इस दिन को महालया के बाद आने वाला सबसे पवित्र दिन माना जाता है। बंगाल की दुर्गा पूजा विश्व प्रसिद्ध है और महानवमी उस भक्ति और उत्सव का चरम रूप है।
महानवमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा उनके महिषासुर मर्दिनी रूप में की जाती है। इस दिन को शक्ति और विजय का प्रतीक माना जाता है। बंगाल में यह पर्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक मिलन का भी अवसर है।
महत्व
- इस दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध कर धर्म और सत्य की रक्षा की थी।
- बंगाल में इसे शक्ति पूजा का चरम दिन कहा जाता है।
- भक्त इस दिन विशेष अनुष्ठान, बलिदान और भोग अर्पण करते हैं।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम, पंडाल दर्शन और भक्ति संगीत इस दिन की विशेषता है।
पूजा विधि
- सुबह देवी दुर्गा का विशेष महानवमी हवन आयोजित किया जाता है।
- देवी को नौ प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं।
- बंगाल में इस दिन "बलिदान" की प्रथा भी होती है (अब प्रतीकात्मक रूप से)।
- भक्त देवी से शक्ति, साहस और विजय की कामना करते हैं।
- शाम को भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम और भक्ति गीत प्रस्तुत किए जाते हैं।
आगामी बंगाल महानवमी की तिथियाँ
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