चित्रगुप्त देव हिंदू धर्म के अनुसार यमराज के दरबार में लेखा-जोखा रखने वाले देवता हैं। वे मनुष्यों के पाप और पुण्य का हिसाब रखते हैं और मृत्यु के बाद जीव की आत्मा के कर्मों के अनुसार यमराज को न्याय प्रदान करने में सहायता करते हैं। चित्रगुप्त का नाम "चित्र" (अर्थात तस्वीर या चित्र) और "गुप्त" (अर्थात गुप्त या छिपा हुआ) से बना है, जो उनके कर्मों को ध्यानपूर्वक और गुप्त रूप से देखने की शक्ति का प्रतीक है।
चित्रगुप्त देव का महत्व
कर्मों का लेखा-जोखा: चित्रगुप्त देव प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में किए गए पाप और पुण्य का विस्तृत लेखा-जोखा रखते हैं। उनकी सहायता से यमराज व्यक्ति के जीवन के कर्मों के आधार पर मृत्यु के बाद न्याय करते हैं।
न्याय का प्रतीक: चित्रगुप्त देव न्याय और सत्य के प्रतीक हैं। वे निष्पक्षता और निस्वार्थ भाव से हर व्यक्ति के कर्मों का लेखा रखते हैं और किसी भी प्रकार के पक्षपात से परे होते हैं।
धर्म और धर्म पालन की प्रेरणा: चित्रगुप्त देव की पूजा से व्यक्ति को धर्म का पालन करने और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। उनकी कृपा से व्यक्ति सदाचारी और धर्मपरायण बनता है।
पापों का प्रायश्चित: चित्रगुप्त देव की उपासना से पापों का प्रायश्चित और आत्मा की शुद्धि होती है। उनकी आराधना से व्यक्ति को अपने पापों का एहसास होता है और वे प्रायश्चित के लिए प्रेरित होते हैं।
चित्रगुप्त देव की पूजा विधि
पूजा का समय: चित्रगुप्त देव की पूजा मुख्य रूप से "यम द्वितीया" (भैया दूज) के दिन की जाती है। इस दिन उनकी पूजा से विशेष फल प्राप्त होता है।
पूजा सामग्री: चित्रगुप्त देव की पूजा में सफेद फूल, चावल, धूप, दीपक, हल्दी, कुमकुम, पान, सुपारी, और लेखनी (कलम) का उपयोग किया जाता है। कागज और लेखनी का उपयोग पूजा में विशेष महत्व रखता है, जिससे उनके लेखा रखने का प्रतीकात्मक अर्थ जुड़ा होता है।
मंत्र जाप: "ॐ चित्रगुप्ताय नमः" मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप 108 बार करने से चित्रगुप्त देव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को अपने कर्मों का सही एहसास होता है।
ध्यान और प्रार्थना: चित्रगुप्त देव का ध्यान करते हुए उनसे अपने पापों के प्रायश्चित, कर्मों की शुद्धि, और धर्म का पालन करने की प्रेरणा के लिए प्रार्थना करें।
लेखन की पूजा: चित्रगुप्त देव की पूजा में लेखन सामग्री (कलम और कागज) की भी पूजा की जाती है। इस दिन नए लेखन कार्य की शुरुआत को शुभ माना जाता है।
चित्रगुप्त देव की आराधना के लाभ
कर्म सुधार: चित्रगुप्त देव की पूजा से व्यक्ति को अपने पाप और पुण्य का ज्ञान होता है, जिससे वे अपने कर्मों को सुधारने और धर्म का पालन करने के लिए प्रेरित होते हैं।
न्याय और निष्पक्षता: चित्रगुप्त की आराधना से व्यक्ति में न्याय और निष्पक्षता का विकास होता है, जो जीवन में संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
आध्यात्मिक शुद्धि: उनकी उपासना से आत्मा की शुद्धि होती है और व्यक्ति को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
चित्रगुप्त देव की पूजा और आराधना से व्यक्ति को अपने कर्मों का सही आकलन करने, धर्म का पालन करने, और न्यायपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। उनकी कृपा से व्यक्ति अपने जीवन में शुद्धता, सच्चाई, और सदाचार को अपनाता है।