कालरात्रि माता ,
जय कालरात्रि माता ।
धन वैभव संपत्ति ,
की तुम ही दाता ।।
जय कालरात्रि माता ।।
रूप भयंकर तेरा ,
शक्ति महामाई ।
छवि लखते ही तुम्हारी ,
काल भी डर जाई ।।
जय कालरात्रि माता ।।
भूत प्रेत और दानव ,
निकट नहीं आते ।
खडग कटार के आगे ,
शत्रु नहीं टिक पाते ।।
जय कालरात्रि माता ।।
गर्धव वाहिनी मैया ,
कृपा जरा कीजो ।
निर्बल को माँ शक्ति ,
अपनी शरण दीजो ।।
जय कालरात्रि माता ।।
नो दुर्गाओं में भवानी ,
सातवा तेरा स्थान ।
महामाया महाकाली ,
शक्ति तेरी महान ।।
जय कालरात्रि माता ।।
सातवे नवरात्रे को ,
पूजी तुम जाती ।
मनवांछित फल देती ,
शक्ति तेरी महान ।।
जय कालरात्रि माता ।।
हे प्रचंड ज्वालमयी ,
हमपे दया करना ।
जानके सेवक अपना ,
दुःख विपदा हरना ।।
जय कालरात्रि माता ।।
चिंता हारना दाती ,
काल करे न वार ।
विनती इतनी सी माँ ,
कर लेना स्वीकार ।।
जय कालरात्रि माता ।।
लेकर आस शरण में ,
तेरी हम आये ।
सुना है खली दर से ,
ना तेरे कोई जाये ।।
जय कालरात्रि माता ।।
कालरात्रि माता ,
जय कालरात्रि माता ।
धन वैभव संपत्ति ,
की तुम ही दाता ।।
जय कालरात्रि माता ।।