भगवान महावीर की आरती

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ॐ जय महावीर प्रभु, स्वामी जय महावीर प्रभु । कुण्डलपुर अवतारी, चांदनपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभु ॥ सिध्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी । बाल ब्रह्मचारी व्रत, पाल्यो तप धारी ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥ आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी । माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥ जग में पाठ अहिंसा, आप ही विस्तारयो । हिंसा पाप मिटा कर, सुधर्म परिचारियो ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥ अमर चंद को सपना, तुमने परभू दीना । मंदिर तीन शेखर का, निर्मित है कीना ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥ जयपुर नृप भी तेरे, अतिशय के सेवी । एक ग्राम तिन्ह दीनो, सेवा हित यह भी ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥ जल में भिन्न कमल जो, घर में बाल यति । राज पाठ सब त्यागे, ममता मोह हती ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥ भूमंडल चांदनपुर, मंदिर मध्य लसे । शांत जिनिश्वर मूरत, दर्शन पाप लसे ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥ जो कोई तेरे दर पर, इच्छा कर आवे । धन सुत्त सब कुछ पावे, संकट मिट जावे ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥ निशदिन प्रभु मंदिर में, जगमग ज्योत जरे । हम सेवक चरणों में, आनंद मूँद भरे ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥ ॐ जय महावीर प्रभु, स्वामी जय महावीर प्रभु । कुण्डलपुर अवतारी, चांदनपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभु ॥

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