ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ऐं ग्लौम ऐं नमो भगवती
वर्ताली वर्ताली वाराही वाराही वराहमुकि
वराहमुकि अंते एंथिनी नमः
रूंठे रूंथिनी नमः जंबे जम्बिनी नमः मोहे मोहिनी नमः स्तम्भे स्तम्भिनी नमः सर्वदुस्ता प्रदुस्तानम् सर्वेसाम् सर्व वाक् सिद्ध सच्चुर मुकागति जिह्वा स्तम्भनं कुरु कुरु सीग्राम वास्याम ऐम ग्लौम ता हा, इताहा, थाहा, थाहा हुं अस्त्राय फट् स्वाहा || इति श्री महा वाराही मूल मंत्र ||
रूंठे रूंथिनी नमः जंबे जम्बिनी नमः मोहे मोहिनी नमः स्तम्भे स्तम्भिनी नमः सर्वदुस्ता प्रदुस्तानम् सर्वेसाम् सर्व वाक् सिद्ध सच्चुर मुकागति जिह्वा स्तम्भनं कुरु कुरु सीग्राम वास्याम ऐम ग्लौम ता हा, इताहा, थाहा, थाहा हुं अस्त्राय फट् स्वाहा || इति श्री महा वाराही मूल मंत्र ||