तू प्यार का सागर है तेरी इक बूँद के प्यासे हम

तू प्यार का सागर है तेरी इक बूँद के प्यासे हम लौटा जो दिया तुमने चले जायेंगे जहां से हम तू प्यार का सागर... घायल मन का पागल पंछी उड़ने को बेक़रार पंख हैं कोमल, आँख है धुँधली, जाना है सागर पार अब तू ही इसे समझा, राह भूले थे कहाँ से हम तू प्यार का सागर... इधर झूम के गाये ज़िंदगी, उधर है मौत खड़ी कोई क्या जाने कहाँ है सीमा, उलझन आन पड़ी कानों में ज़रा कह दे, कि आएँ कौन दिशा से हम तू प्यार का सागर... सौंप दे अपने जीवन की तू डोर प्रभु के हाथ फिर आएगी जब जब मुश्किल होगा वो तेरे साथ करले इतना तू यकीन तुझे होगा ना कोई गम तू प्यार का सागर.... मन मर्जी की करता फिरता नही तुझे एहसास तेरे कर्म का लेखा जोखा सब हैं उसके पास काटेगा वो जो बोया याद कर बंदे अपने करम तू प्यार का सागर ... आना जाना खेल विधि का सदा रहा न कोय होनी पे कोई जोर चले ना वही करे सो होय हो आखिरी तेरा सफर सबकी आंखे हो यहां पे नम तू प्यार का सागर ...

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